ममता सांसद की गिरफ्तारी पर बिफरीं, भाजपा कार्यालय पर हमला
कोलकाता | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय की गिरफ्तारी को केंद्र सरकार की ‘बदले की राजनीति’ करार दिया। वहीं, उनके समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय पर हमला कर दिया, जिसमें 15 लोग घायल हो गए। गिरफ्तारी से आक्रोशित ममता ने मोदी सरकार के प्रतिशोधात्मक रवैये के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की। बंद्योपाध्याय को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रोज वैली चिट फंड घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया। ममता ने इसके बदले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह की गिरफ्तारी की मांग की।
उन्होंने कहा, “हम मोदी और अमित शाह की राजनीतिक बदले की भावना की घोर निंदा करते हैं। उन्होंने हमारे संसदीय दल के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया। वह दिग्गज राजनेता हैं और हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं।”
ममता ने कहा, “यह सब केवल नोटबंदी के खिलाफ हमारी लड़ाई को लेकर हो रहा है। हम जनता के साथ हैं और रहेंगे। जनता के साथ रहने से हमें कोई नहीं रोक सकता और नोटबंदी के खिलाफ हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।” उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, “हम इसकी निंदा और घोर निंदा करते हैं।”
तृणमूल सांसद के गिरफ्तारी की खबर जैसे ही फैली, सैकड़ों तृणमूल कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। भीड़ ने कोलकाता स्थित भाजपा कार्यालय पर पथराव किया और वहां खड़ी कीमती गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
भाजपा ने कहा कि उसके 15 कार्यकर्ता घायल हुए हैं। कुछ लोगों के सिर पर गहरी चोट लगी है। ममता ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के प्रतिशोधात्मक रवैये के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करेंगी। उन्होंने कहा, “हम नौ जनवरी को कोलकाता स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सामने विरोध-प्रदर्शन करेंगे और दिल्ली, असम, ओडिशा व त्रिपुरा सहित 10 विभिन्न राज्यों में धरना दिया जाएगा।”
ममता ने कहा, “मैं भी सरकार चलाती हूं और मेरे पास भी चोरों, गुंडों व लुटेरों को गिरफ्तार करने का अधिकार है। यह गिरफ्तारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के दबाव में की गई है।”
उन्होंने कहा, “यह बदले की राजनीति है, क्योंकि नोटबंदी पर तृणमूल कांग्रेस केंद्र के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।” ममता ने लोगों को केंद्र के खिलाफ सड़क पर उतरने की अपील की।
उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री को चुनौती देती हूं, वह कुछ नहीं कर सकते और न ही लोगों की आवाज दबा सकते हैं। वह लोगों को कुचल नहीं सकते। कई राजनीतिक दल डरे हुए हैं, इसलिए कुछ नहीं बोलते।”
ममता ने कहा, “आपातकाल जैसे हालात हैं। लोगों को नोटबंदी के खिलाफ सड़कों पर उतरना चाहिए। लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।” ममता के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी जांच प्रक्रिया में केंद्र सरकार दखलंदाजी नहीं करती। गोयल ने कहा, “हमने किसी भी जांच प्रक्रिया में कभी हस्तक्षेप नहीं किया।”
नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के विरोध के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, “यह विपक्ष की राजनीति है। भारत की जनता ने सरकार के इस कदम का समर्थन किया है।”