हेलीकॉप्टर घोटाले में मीडिया की भूमिका पर होगी सुनवाई
नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई करने पर सहमति जता दी। याचिका में उन आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)/ विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की गई है, जिनके मुताबिक वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में मीडिया को ‘मैनेज’ करने के लिए अगस्तावेस्टलैंड ने 60 लाख यूरो खर्च किए थे।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा तथा न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने याचिकाकर्ता व पंजाब के एक समाचार पत्र ‘द ट्रिब्यून’ के पूर्व संपादक हरि जयसिंह से याचिका को सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उपलब्ध कराने को कहा और याचिका को संबंधित मुद्दों के साथ जोड़ दिया, जिसकी सुनवाई दूसरी पीठ कर रही है।
याचिकाकर्ता पत्रकार ने अपनी रिपोर्ट के माध्यम से सौदे को प्रभावित करने के आरोप में मीडिया की कथित भूमिका पर एक रिपोर्ट की मांग की है। आरोप है कि अगस्तावेस्टलैंड के ‘मीडिया प्रबंधन’ से कुछ प्रख्यात पत्रकारों सहित कुछ खास पत्रकार फायदा उठाने वालों में शामिल हैं।
भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस.पी.त्यागी अगस्तावेस्टलैंड कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में हुई अनियमितता को लेकर मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
अगस्तावेस्लैंड सौदे में हुई अनियमितता में भूमिका के लिए त्यागी को नौ दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद 26 दिसंबर को निचली अदालत से उन्हें जमानत मिल गई।
त्यागी देश में किसी भी सशस्त्र बल के पहले प्रमुख हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया। त्यागी और दो अन्य को ब्रिटेन की कंपनी अगस्तावेस्टलैंड से 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में कथित अनियमितता के लिए गिरफ्तार किया गया।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि यह और कुछ नहीं, बस संसाधनों की बर्बादी थी।