सीएम हरीश रावत ने उठाया अपना ‘पुराना हथियार’
उत्तराखंड। चुनाव के नजदीक आते देख सीएम हरीश रावत ने अपना पुराना हथियार उठा लिया है। यह वही हथियार है, जिसने तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को परेशान करके रख दिया था। यही हथियार दिखाकर हरीश रावत कांग्रेस नेतृत्व पर प्रदेश में मुखिया बदलने का दबाव बनाने में सफल रहे थे। अब फिर से वही हथियार हरीश रावत ने हाथ में ले लिया है। अंतर बस इतना है कि इस बार निशाने पर केंद्र की सरकार है। जहां पर भाजपा की सरकार भी है।
हम बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री हरीश रावत के पांच जनवरी को प्रस्तावित उपवास की। मुख्यमंत्री हरीश रावत का आरोप है कि केंद्र सरकार की ओर से पहले 14 वें वित्त आयोग में उत्तराखंड का पैसा काटा गया और अब लगातार उत्तराखंड विरोधी कदम उठाए जा रहे हैं।
भागीरथी मास्टर प्लान पर केंद्र के राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में लिए गए स्टैंड को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश विरोधी बताया है। सीएम का कहना है कि इससे प्रदेश की प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाएं इसके दायरे में आ जाएंगी। जिसके चलते प्रदेश का हित प्रभावित होगा।
वहीं आपको बता दें की इस पूरे मामले के लिए सीएम ने भाजपा के पांच सांसदों को भी निशाना सादा। साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि जब तक हमारी मांगे नहीं पूरी की जाती है तब तक सत्यग्रह आंदोलन जारी रहेगा।