त्रिपुरा में दक्षिण पंथियों ने माकपा की बढ़ाई चिंता
अगरतला | त्रिपुरा में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) राज्य में आरएसएस, बजरंग दल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बढ़ती गतिविधियों को लेकर चिंतित है। माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य बिजान धर ने संवाददाताओं से कहा, “आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), बजरंग दल और भाजपा त्रिपुरा में अपना जनाधार मजबूत करने के लिए लोगों को गुमराह करके और झूठे वादे करके प्रलोभन दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हाल के चुनावों में आरएसएस और बजरंग दल की गतिविधियों के कारण त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ गया था। भविष्य में भी उनकी गतिविधियां बढ़ेंगी। इसलिए सचेत रहने की जरूरत है।” उन्होंने कहा, “भाजपा और उसके सहयोगी राज्य में जनजातीय और गैर जनजातीय व जातीय समूहों के बीच विभाजन का प्रयास कर रहे हैं, जिस तरह इन्होंने असम, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में किया।”
माकपा के त्रिपुरा राज्य सचिव धर ने पार्टी की राज्य समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद शुक्रवार की रात कहा, “भाजपा अपने सहयोगियों और तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर वामपंथी सरकार के विकास कार्यो और योजनाओं को क्षति पहुंचाने की कोशिश कर रही है।” उधर केंद्र की भाजपा सरकार कुछ जटिल प्रणालियां लागू करके महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोजगार के अवसर घटाने का प्रयास कर रही है।
माकपा जनवरी से लेकर तीन महीने तक अपने सदस्यों के कार्यो की समीक्षा करेगी। धर ने कहा, “पार्टी को मजबूत करने के लिए सदस्यता के नवीनीकरण के दौरान सदस्यों की खामियां पता चलेंगी।” इस समय त्रिपुरा में माकपा के 91,578 सदस्य हैं, जिनमें से 26.92 प्रतिशत महिलाएं हैं।