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अयोध्या को लेकर मौलाना अरशद मदनी ने दिया विवादित बयान, “आज अयोध्या कोई नहीं आता जाता”

आंध्र प्रदेश। अयोध्या को लेकर मौलाना अरशद मदनी में एक बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने आस्था की बुनियाद पर अयोध्या में फैसला सुनाया था। लेकिन फैसला सुनाए जाने के बाद से “आज अयोध्या कोई नहीं आता जाता”।

केंद्र सरकार पर मदनी ने साधा निशाना

आंध्र प्रदेश के कडपा में कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मौलाना अरशद मदनी ने अयोध्या को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने बयान देते हुए सरकार पर निशाना साधने का काम किया तो वही कहा अयोध्या भले ही धर्म की राजनीति बने लेकिन आज कोई भी वहां आता जाता नहीं। आगे उन्होंने केंद्र सरकार को लेकर कहा कि केंद्र सरकार दो बैसाखियों पर है। पहले बैसाखी नीतीश कुमार है तो दूसरी बैसाखी चंद्रबाबू नायडू है। आज की कार्यक्रम में 5 लाख से ज्यादा लोग यहां शामिल हुए हैं जो चंद्रबाबू नायडू को बताना चाहते हैं कि आंध्र प्रदेश का मुसलमान क्या चाहता है। अयोध्या को लेकर कोर्ट ने कहा था कि मंदिर तोड़कर मस्जिद को नहीं बनाया गया था। लेकिन आस्था के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया और वहां पर राम मंदिर बनाया गया।लेकिन आज भी कोर्ट के साथ से हम ही जीते हैं।

वक्फ संशोधन बिल को लेकर बोले मदनी

मदनी ने वक्फ संशोधन बिल पर सरकार के खिलाफ तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है और इस बिल के जरिए मस्जिदों और कब्रिस्तानों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि पुराने कानून में मस्जिदें खाली करने का आदेश था, लेकिन नया कानून इससे इंकार करता है। इसके साथ ही उन्होंने वक्फ संपत्तियों पर सरकार की ओर से नियंत्रण को लेकर भी चिंता व्यक्त की, खासकर उन संपत्तियों के बारे में जो पाकिस्तान गए लोगों की हैं।

मदनी ने बीजेपी और सरकार पर आरोप लगाया कि वह मुसलमानों की संपत्तियों को खतरे में डाल रहे हैं और उन पर बुलडोज़र चलाने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जमीयत ए उलेमा हिंद इन सभी मुद्दों का विरोध करती है, चाहे वह मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र चलाने की बात हो या असम में मुसलमानों की नागरिकता छीनने का मुद्दा।

साथ ही, मदनी ने संविधान में वक्फ का जिक्र न होने का हवाला देते हुए, भविष्य में हज, नमाज और मस्जिदों का भी जिक्र न होने की संभावना जताई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुसलमान अपने धर्म और देश में बने रहेंगे, और इस्लाम कभी खत्म नहीं होगा। उनका कहना था कि सरकार के प्रयासों के बावजूद इस्लाम ज़िंदा रहेगा, और मुसलमान अपने धर्म पर कायम रहेंगे।

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