लखनऊ में साहित्य परिषद के समारोह में जुटेंगे देश भर के साहित्यकार
लखनऊ | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् का स्वर्ण जयंती समारोह एवं अलंकरण समारोह 24 दिसंबर से लखनऊ के निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के माधव सभागार में मनाया जाएगा। इसमें देशभर के साहित्यकारों का जमावड़ा होगा। यह जानकारी परिषद के प्रदेश महामंत्री पवनपुत्र बादल ने दी। उन्होंने बताया कि 24 दिसंबर को परिषद की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जबकि 25 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों की बैठक होना पहले ही तय है और सायं 4 बजे माधव सभागार में स्वर्ण जयंती वर्ष का समारोह आयोजित किया जाएगा।
समारोह के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक, विशिष्ट अतिथि नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष बलदेवभाई शर्मा और मुख्य वक्ता परिषद् के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्रीधर पराड़कर होंगे।
इस मौके पर साहित्य संवर्धन में लगे देश के चार संस्थाओं को सम्मानित भी किया जाएगा। उसमें गोरखपुर के गीता प्रेस के मुख्य ट्रस्टी पटवारी, छोटी खाटू हिंदी पुस्तालय, खाटू (राजस्थान) के प्रकाश बैताला, प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार तथा हैदराबाद के शांकल्य साहित्य के प्रमुख गोरख प्रसाद तिवारी शामिल हैं। परिषद के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए महामंत्री पवनपुत्र बादल ने कहा कि साहित्य परिषद् की स्थापना 27 अक्टूबर, 1966 को दिल्ली में हुई थी। इस वर्ष परिषद के 50 वर्ष पूरे हुए हैं। इसकेउपलक्ष्य में 27 अक्टूबर, 2015 को दिल्ली में स्वर्ण जयंती उद्धघाटन समारोह किया गया था।
उन्होंने बताया कि साहित्य परिषद का कार्य भारतीय साहित्य, भारतीय भाषाओं की उन्नति, भाषाओं का अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहित करना और उसके लिए अनुसंधान केंद्रों की स्थापना करना, भारतीय भाषाओं का परस्पर आदान-प्रदान और सहयोग करना, जीवन मूल्यों में आस्था रखने वाले साहित्यकारों को प्रोत्साहित करना तथा ऐसे साहित्यिक के प्रकाशन एवं प्रसारण में सहयोग समेत अन्य महत्वपूर्ण व बुनियादी कार्यो को संपादित करती है।