संघ ने दी भाजपाा को चेतावनी, नोटबंदी समस्या से बाहर लिकलों या चुनाव की डेट आगे बढ़ाओं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नोटबंदी भाजपा के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। नोटबंदी को लेकर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और भाजपा से जुड़े संगठनों ने पार्टी आलाकमान को चेतावनी देते हुए कहा है कि नोट की कमी की समस्या को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए नहीं तो विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। जो पार्टी के लिए किसी सदमें से कम नहीं होगा।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार पिछले दिनों लखनऊ में आरएसएसए विहिप और एबीवीपी के साथ बाकी संगठनों ने भाजपा आलाकमान को एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में यह साफ तौर पर कहा गया है कि नोटबंदी से आम आदमी गुस्से में है। जिससे यूपी विधानसभा चुनाव पर असर पडऩा तय है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से कहा है, कि या तो नोट की कमी की समस्या को जल्द से जल्द खत्म कर लिया जाए, नहीं तो यूपी चुनाव की तारीख को आगे करवा दिया जाए। सूत्रों की मानें तो नोटबंदी से विपरीत होते हालातों की जानकारी आलाकमान को भी है। इसीलिए जनता की राय जानने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं और आरएसएस के साथ ही पार्टी से जुड़े संगठनों को जमीनी हकीकत पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। वहीं भाजपा के कुछ कार्यकर्ता इस बात को नकार भी नही पा रहे कि नोटबंदी अब बड़ा समस्या नही है।
गले की हड्डी न बन जाए नोटबंदी का फैसला
पीएम मोदी की भावनातम अपील के बाद भी कुछ लोग प्रधानमंत्री को 50 दिन , 30 दिसंबर तक का समय देने को तैयार हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वह लाइन में लगने के कतई नहीं मूड में दिख रहे हैं। जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है, नोटबंदी के प्रति लोगों में गुस्सा भी बढ़ रहा है। रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट की मानें तो नोट छापने वाले प्रेसों की क्षमता के हिसाब से बैंकों में स्थिति सामान्य होते-होते कम से कम जुलाई तक का समय लगेगा। जिस तरह से बैंको के बाहर लोगों की भीड़ देखी जा रही हैं, वो फिलहाल दिसबंदर तक कम होते नही दिख रही।
नोटबंदी पर खुलकर बोले जिम्मेदार
अपने परिवर्तन रैली के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कहते हैं कि नोटबंदी से परेशानी सिर्फ उन्हीं को हो रही है, जिनके घरों में नोट बोरे में भरे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा जल्द ही नोटबंदी के सुखद परिणाम सामने आएंगे। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार जनता की परेशानियों को समझ रही है। आने वाले समय में इसके बेहतर नतीजे आएंगे।
आपको बता दें की प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर को 1000-500 के नोट बंद कर दिये थे। जिसके बाद पक्ष-विपक्ष में रार शुरू हो गया। लेकिन मोदी ने कहा था कि नोटबंदी का फैसला भ्रष्टïाचार को जड़ से खत्म करने के लिए उठाया गया एक कदम है। जनता से 50 दिन का समय मांगते हुए कहा कि 50 दिन में हालात सामान्य हो जायेंगे।