संसद में गतिरोध से नाराज आडवाणी, इस्तीफे की बात
नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी संसद की कार्यवाही लगातार बाधित होने से गुरुवार को इतने व्यथित दिखे कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह इस्तीफा दे देना चाहते हैं। शीत सत्र में संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार के हंगामे व स्थगन की भेंट चढ़ जाने से आहत दिग्गज भाजपा नेता ने आडवाणी ने अपनी व्यथा तीन सांसदों से बातचीत के दौरान जताई, जिनमें भाजपा के सांसद नाना पटोले भी शामिल थे।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने यह भी कहा कि इन दिनों बीमार चल रहे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी यह स्थिति देखकर बहुत दुखी होते। लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार को भी सत्तापक्ष और विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई, जिसके बाद सांसद धीरे-धीरे सदन से निकलने लगे, लेकिन आडवाणी अपनी सीट पर ही बैठे रहे। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के इदरिस अली, आडवाणी के पास आए।
मीडिया गैलरी में बैठे पत्रकारों ने अली के साथ पटोले सहित दो अन्य सांसदों को देखा। अली ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि जब उन्होंने आडवाणी से पूछा कि क्या उनकी तबीयत ठीक है, तो देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री ने लंबी सांस लेते हुए कहा, “मेरा स्वास्थ्य अच्छा है, लेकिन संसद का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।” इदरिस के अनुसार, आडवाणी ने कहा, “मेरा इस्तीफा दे देने का मन हो रहा है।”
इदरिस ने कहा कि इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता से देश के पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में पूछा, जिस पर आडवाणी ने कहा, “वह भी इस हालात को देखकर बेहद दुखी होते।”
भाजपा नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ और विपक्ष के नेताओं को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मिलना चाहिए। सदन को कम से कम शीत सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “यदि (सत्र के) आखिरी दिन भी यही स्थिति रहती है तो यह संसद का अपमान होगा। कॉमन सभा (ब्रिटिश संसद का प्रथम सदन) में ऐसा कभी नहीं हुआ कि यह अकारण स्थगित हो जाए। मुझे शर्मिदगी महसूस हो रही है।”
अली ने शिकायत की कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जा रहा। इस पर आडवाणी ने कहा, “किसी व्यक्ति का नाम मत लीजिए। मुद्दा यह है कि संसद में चर्चा होनी चाहिए।”
इससे पहले सात दिसंबर को भी आडवाणी ने संसद में जारी गतिरोध पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि न तो लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और न ही संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार सदन चला रहे हैं।
गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर को शुरू हुआ था, लेकिन अब तक की कार्यवाही सरकार के नोटबंदी के फैसले पर हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। गुरुवार को भी सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसादों ने दोनों सदनों में एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। संसद का मौजूदा सत्र 16 दिसंबर यानी शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।