गंगा किनारे के स्टोन क्रशर बंद, खनन पर लगेगी रोक
नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखण्ड में गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय ने ऐतिहासिक आदेश जारी किया है।
मंत्रालय के अपर सचिव एवं महानिदेशक यूपी सिंह ने गंगा किनारे पांच किलोमीटर तक सभी क्रशर बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
गंगा किनारे अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे मातृ सदन की यह बड़ी जीत बताई जा रही है। मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद की तपस्या को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद स्वामी शिवानंद ने अपने आमरण अनशन को स्थगित कर दिया है।
मातृ सदन के पत्र और तप का केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। गंगा किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में चलने वाले स्टोन क्रशर बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
आदेश के अनुसार अब यहां अवैध खनन करने वालों को जेल की हवा खानी पड़ेगी। पहली बार पकडे जाने पर पांच साल की सज़ा और एक लाख का जुर्माना हो सकता है। दोबारा खनन करते पकड़े गए तो होगी सात साल की सज़ा और पांच हज़ार रुपये प्रतिदिन का जुर्माना।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के इस आदेश के बाद मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने अनशन को स्थगित कर दिया है। उनका कहना है कि यदि ये तमाम क्रशर बंद होते हैं तो बड़े स्तर पर हो रहे अवैध खनन पर रोक लग सकेगी।
राज्य के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि जब सीएम ने सुध नहीं ली तो केंद्र ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।