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विपक्ष के लोकतंत्र विरोधी रवैये से संसद में गतिरोध : जावड़ेकर

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नई दिल्ली | केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को आरोप लगाया कि संसद में गतिरोध का कारण विपक्ष का ‘लोकतंत्र विरोधी रवैया’ है। उन्होंने कहा कि इसी रवैये के कारण संसद में गतिरोध खत्म करने के सरकार के प्रयास निष्फल साबित हुए हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री जावड़ेकर ने कहा, “विपक्षी पार्टियों के लोकतंत्र विरोधी रवैये के कारण ही गतिरोध (संसद के शीतकालीन सत्र में) बरकरार है।” संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर को शुरू हुआ था।
राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर में एक बार फिर स्थगित होने के बाद संसद परिसर में जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, “सरकार ने विपक्ष तक पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन सब व्यर्थ गया।”
राज्यसभा सदस्य जावड़ेकर ने कहा, “विपक्ष की मांग है कि पूरी चर्चा के दौरान दोनों सदनों में प्रधानमंत्री मौजूद रहें। यह अतार्किक है।”
नोटबंदी के एक महीने पूरे होने पर संसद परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विपक्ष के प्रदर्शन पर जावड़ेकर ने कहा कि विपक्षी सदस्य कोई वास्तविक बयान नहीं दे रहे और यह केवल ‘प्रतीकात्मक विरोध’ है। उन्होंने कहा, “जनता की भावनाएं सरकार के साथ है। उनके (विपक्ष) पास कोई ठोस तर्क नहीं है..यह केवल उनके दिवालियेपन को दर्शाता है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के भाषण लिखने वाले को और बेहतर तरीके से लिखना चाहिए, क्योंकि यह ‘निर्थक’ है।” राहुल गांधी ने कहा था कि पेटीएम का मतलब ‘पे टू मोदी’ है।
जावड़ेकर ने कहा, “किसी दिन, उन्होंने (राहुल) कहा था कि मोदीजी काले धन के बारे में कुछ नहीं जानते। हम इस बात से निश्चित तौर पर सहमत हैं। कांग्रेस को काले धन के बारे में महारत हासिल है, क्योंकि उनकी सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी रही है।” लोकसभा में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के गुस्से के बारे में जावड़ेकर ने कहा कि वरिष्ठ नेता का गुस्सा विपक्षी सांसदों पर था, जो सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे थे। वह सरकार से नाराज नहीं थे।

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