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राज्यसभा में  पक्ष, विपक्ष के बीच घमासान

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नई दिल्ली | राज्यसभा में गुरुवार को भी नोटबंदी के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान बरकरार रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही स्थगित करनी पड़ी।  पूर्वाह्न् 11 बजे ऊपरी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद पर यह कहकर निशाना साधा कि विपक्ष सरकार पर आरोप लगाता है और जब सरकार जवाब देने की कोशिश करती है, तो वे सुनते तक नहीं।
सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि यह सदन का नियम है कि सदन के नेता या नेता प्रतिपक्ष दोनों में से एक को ही बोलने की अनुमति दी जाती है।
उन्होंने सत्ता पक्ष के सांसदों से आजाद की बात सुनने का आग्रह करते हुए कहा, “यह सदन का नियम है..हमें इसे मानना चाहिए।” लेकिन उसके बाद भी हंगामा जारी रहने पर सभापति ने दोपहर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।                                                                                   लोकसभा में फिर उठी वोटिंग के साथ चर्चा की मांग                                                                         संसद के निचले सदन लोकसभा में गुरुवार को एक बार फिर नोटबंदी पर वोटिंग के साथ चर्चा की मांग उठी। विपक्षी दलों ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति की मांग भी की। इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सांसद लोकसभा अध्यक्ष की आसंदी के पास इकट्ठा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लगभग आधे घंटे तक प्रश्नकाल का संचालन किया। इस बीच उन्होंने विपक्षी सदस्यों को बार-बार चेतावनी दी। हालांकि हंगामा नहीं थमने पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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