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नोटबंदी के दंश जस की तस

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नई दिल्ली | बड़े नोटों पर प्रतिबंधित किए जाने के एक माह बीत गए लेकिन बुधवार को नकदी के अभाव से जूझ रहे लोगों को कोई राहत नहीं दिखी। उन्हें आज भी बैंक की शाखाओं में सुरक्षाकर्मियों से बहस करते और अन्य बैंक में दूसरों को असहाय होकर याचना करते देखा जा सकता है।  दिल्ली से लगे नोएडा के सेक्टर 16 स्थित एक्सिस बैंक में जाने पर 30-40 ग्राहकों को गार्ड से बैंक में नकदी नहीं है यह नहीं बताने के लिए झगड़ते और बैंक के अंदर जाने के लिए आग्रह करते देखा जा सकता है।
बैंक के सुरक्षाकर्मी ने कहा, “बैंक में सुबह 10.30 बजे से ही रुपये नहीं हैं। मैं लोगों को लौट जाने के लिए कह रहा हूं लेकिन वे सुन नहीं रहे हैं।”  ग्राहकों ने तत्काल शिकायत करते हुए कहा कि उन्हें स्पष्ट तौर पर कभी नहीं बताया गया कि बैंक में नकदी है या नहीं।  एक युवती ने गुस्से में गार्ड पर चिल्लाते हुए कहा, “क्या हम लोग मूर्ख हैं कि घंटों से सिर्फ यह सुनने के लिए खड़े हैं कि बैंक में रुपये बिल्कुल नहीं बचे हैं?”
नकदी के लिए बेचैनी महसूस की जा सकती थी।  एचसीएल टेक्नोलॉजीज के एक युवा कर्मचारी मार्मिक ने कहा, “वह सुबह 6.30 बजे से बैंक की लाइन में खड़ा है लेकिन दोपहर बाद दो बज गए लेकिन अभी रुपये नहीं मिले हैं।” उसने बताया कि रात में नौकरी करने के बाद वह सीधे बैंक पहुंच गया था।
मार्मिक ने बताया, “सुबह से ही करीब 40 लोग बैंक के बाहर लाइन में खड़े थे जबकि बैंक के खुले रहने के तीन घंटे और बाकी थे। दोपहर बाद करीब एक बजे मेरी बारी आई तो बैंक के अधिकारियों ने घोषणा कर दी कि बैंक में रुपये नहीं हैं। मेरी नौकरी की पाली शाम 5.30 बजे शुरू होती है और अब मेरे पास रुपये तो नहीं ही हैं, सोया भी नहीं हूं।
पास के कोटक बैंक की स्थिति तो और खराब है। बैंक में बुधवार के लिए कोई रकम ही नहीं मिली है।
ग्राहक सेवा प्रबंधक ईश्वर ने आईएएनएस से कहा, “हमें आज (बुधवार को) कोई नकदी नहीं मिली है। हमलोगों के पास सोमवार को नकदी थी। इसे लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि गुरुवार को हमें मिलेगी।”

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