नोटबंदी से बंगाल में जूट मिल बंद
कोलकाता | पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के श्री हनुमान जूट मिल में नोटबंदी के कारण मजदूरों को मजदूरी देने में आ रही परेशानी के मद्देनजर मंगलवार सुबह मिल में कार्य निलंबित रखने का नोटिस चस्पा कर दिया गया। मिल के एक अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी के कारण मिल प्रबंधन 20-25 फीसदी मजदूरों को नकद वेतन देने में सक्षम नहीं था।
जूट मिल के एक मालिक धन कुमार पटनी ने आईएएनएस से कहा, “नोटबंदी के कारण 20-25 फीसदी मजदूरों के वेतन भुगतान में विलंब हो गया। उनके पास बैंक खाते नहीं हैं, इसलिए हम उन्हें चेक या इलेक्ट्रॉनिक स्थानांतरण के माध्यम से वेतन नहीं दे सकते। हमें मजबूरीवश नोटिस लगाना पड़ा, क्योंकि मजदूर आक्रोशित हो गए थे और मिल के कार्य स्थिति बिगड़ रही थी।”
मिल के इस कदम के बाद 2,000 मजदूर बेरोजगार हो गए। वहीं, मजदूरों का कहना है कि नोटबंदी बस ‘केवल’ बहाना है और प्रबंधन समय पर वेतन देने में सक्षम ही नहीं है।
स्थानीय विधायक तथा पश्चिम बंगाल में युवा मामले तथा खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने आईएएनएस से कहा, “प्रबंधन द्वारा नोटिस जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। मजदूर बीते 40 दिनों से बिना वेतन के काम कर रहे थे। प्रबंधन ने कहा है कि नोटबंदी के कारण आ रही परेशानी के कारण मजदूरों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया।” उन्होंने कहा, “हम दिन में एक बैठक करेंगे, ताकि मिल को जल्द से जल्द खोला जाए।” प्रबंधन ने कहा है कि मजदूरों के बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया जारी है और सभी मजदूरों को बैंकिंग प्रणाली के सहारे भुगतान करने में वक्त लगेगा। पटनी ने कहा, “2,000 मजदूर हैं और कुल बकाया 15 लाख रुपये के आसपास होगा।”