उमा भारती ने भू-जल के गिरते स्तर पर जताई चिंता
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने देश में भू-जल के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए बेहतर जल प्रबंधन का आह्वान किया है। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के केंद्रीय जल भूमि बोर्ड द्वारा आयोजित दूसरी भू-जल मंथन संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि इस काम में उनके मंत्रालय को ग्रामीण विकास, कृषि और पर्यावरण मंत्रालय का सहयोग भी चाहिए।
इस अवसर पर भारती ने घोषणा की कि उन्होंने अपने मंत्रालय के सचिव को यह निर्देश दिया है कि वे भू-जल प्रबंधन के बारे में उपरोक्त तीनों मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठकर एक महीने के भीतर भू-जल प्रबंधन के बारे में एक पैकेज योजना तैयार करें।
भूजल संरक्षण के क्षेत्र में इजरायल की उपलब्धि का उल्लेख करते हुए भारती ने कहा, “हमें इस क्षेत्र में उस देश से बहुत कुछ सीखना है। इजरायल में उपयोग में लाए जाने वाले जल का 62 प्रतिशत हिस्सा फिर से उपयोग के लायक बना लिया जाता है, जबकि हमारे यहां इसकी मात्रा बहुत ही कम है।”
उमा भारती ने महाराष्ट्र के हेवड़े बाजार और पंजाब के सींचेवाल का उदाहरण देते हुए कहा, “हमारे देश में भी जल संरक्षण प्रयोग शुरू हो गए हैं, लेकिन जरूरत इस बात की है कि जल संरक्षण को एक जन आंदोलन बनाया जाए। बड़े पैमाने पर बिना जल भागीदारी के जल संरक्षण जैसे विशाल कार्यक्रम को सफल बनाना नामुमकिन है।”
अंतर्राज्यीय नदी जल विवादों पर चिंता व्यक्त करते हुए भारती ने कहा, “हमें इस मामले में एक राष्ट्रीय ²ष्टिकोण रखना होगा। इस तरह के विवाद के बीच मेरी हमेशा यह कोशिश रहती है कि संबंधित राज्य अपना पक्ष रखने की बजाय दूसरे राज्य के हित के बारे में सोचें। तभी हम इन समस्याओं को समुचित ढंग से सुलझा सकेंगे।” इस एकदिवसीय संगोष्ठी में देशभर से आए लगभग 1000 विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।