अब सोशल मीडिया तय करेगा लोन की पात्रता
सोशल मीडिया पर बदजुबानी और अभद्र भाषा का उपयोग करना आपको भारी पड़ सकता है। अगर आप भविष्य में कभी लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपको सोशल मीडिया का इस्तेमाल बड़ी शिष्टता के साथ करना होगा। सोशल मीडिया पर आपका आचरण अब ये निर्धारित करेगा कि आपको किस दर पर ब्याज मिलेगा।
कुछ आधुनिक मनी लेंडर्स कंपनियां जैसे इंस्टापैसा, गोपेसेंस, फेयरसेंट, कैशकेयर और वोट फॉर कैश किसी क्लाइंट को लोन मुहैया कराने से पहले क्लाइंट के बाकग्राउंड चेक के दौरान पेस्लिप और बैंक स्टेटमेंट के अलावा सोशल मीडिया पर उनका व्यवहार कैसा है यह भी चेक करती हैं।
इसी के आधार पर ये कंपनिया लोन देने या न देने का फैसला लेती हैं और सोशल मीडिया पर क्लाइंट के व्यवहार के आधार पर ब्याज दर भी निर्धारित की जाती है। इन सब चीजों के आधार पर क्लाइंट का पर्सनालिटी स्कोर तय किया जाता है।
मोबाइल डाटा एक्सेस करने पर पहले ग्राहक से उसके सोशल मीडिया अकाउंट की निगरानी के संबंध में इजाजत ली जाती है। इसमें ग्राहक के निजी चैट मैसेज शामिल नहीं रहते हैं। इसके अलावा ग्राहकों का डाटा कहीं भी स्टोर नहीं किया जाता है। जरूरत पड़ने पर ही इसका इस्तेमाल किया जाता है।
गौरतलब है कि आज कल कई कंपनियां अपने एम्पलाइज को हायर करने से पहले भी उनके सोशल अकाउंट पर उसके व्यवहार को चेक करती हैं।