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रेलवे ने बदले नियम… कम होगा टेंशन

150410103942__82156182_mumtraincrowddreutersनई दिल्ली. भारतीय रेलवे ने एक बार फिर से अपने नियमों में बदलाव किया है जिसका असर ट्रेन यात्रियों पर पड़ने वाला है। स्टेशन पर ट्रेनों के रुकते ही रिजर्वेशन कंफर्म नहीं हो पाने वाले यात्री ट्रेवल टिकट एग्जामिनर (टीटीई) को घेर लेते हैं। कई यात्रियों को अक्सर खाली बर्थ मांगते देखा जाता है।

अब ऐसा नहीं हो सकेगा। टीटीई सीधे ही बर्थ अलॉट नहीं कर सकेंगे। टीटीई आपको खाली बर्थ पहले की तरह आसानी से अलॉट नहीं कर सकेगा। रेलवे ने खाली बर्थ के लिए टीटीई के साथ होने वाली पैसे की लेनदेन को रोकने के लिए ये कदम उठाया है।

अक्सर ऐसा होता है कि जिन लोगों का टिकट वेटिंग में ही रह जाता है वो टीटीई से पता कर खाली बर्थ पर रिजर्वेशन पा लेते हैं। कई बार सामने आया है कि इस पूरी प्रक्रिया में टीटीई पैसों के लेनदेन को भी अंजाम देते हैं। हालांकि रेलवे ने नियमों में ऐसा बदलाव कर दिया है जिससे अब टीटीई सीधे बर्थ अलॉट नहीं कर सकेंगे। अब से टीटीई मौजूदा स्टेशन की वेटिंग क्लियर करने के बाद अगले स्टेशन आने पर खुद ब खुद वहां से खरीदे गए टिकटों की वेटिंग क्लियर होती जाएगी।

इस नियम के बाद कम कोटे वाले स्टेशन से यात्रा करने वाले लोगों को भी बर्थ मिलना पहले के मुकाबले आसान हो जाएगा। इसे आप ऐसे समझिये कि अगर आप दिल्ली से कोई ट्रेन लेते हैं और जिस ट्रेन में आप हैं उसमें दिल्ली से 10 रिजर्व बर्थ खाली रह गई हैं तो ट्रेन के रवाना होने से पहले ही ये सभी अगले स्टॉपेज के लिए अलॉट हो जाएंगी। अगर अगले स्टॉपेज पर भी सीट खाली रहती हैं तो फिर ये सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक सभी सीटें भर न जाएं। अब टीटीई ट्रेन के भीतर इन्हें अलॉट नहीं कर पाएगा।

रेलवे ने ट्रेन में गुम हो जाने वाले सामान की बरामदगी के लिए भी कुछ नियमों में फेरबदल की हैं और कुछ नई सुविधाओं की शुरुआत भी की है। अब से आप रेलवे की वेबसाइट पर जाकर खुद अपने सामन को लोकेट कर सकते हैं और अपने पते पर थोड़े से खर्चे में मंगा भी सकते हैं। इसके आलावा अब से यात्रा के दौरान महंगा सामना ले जाते हुए आप सामान का बीमा भी करा सकते हैं। फिलहाल ये दोनों सुविधाएं देने के लिए रेलवे अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

इससे पहले ऑनलाइन टिकटों पर यात्रियों को 92 पैसे, दिवाली तक केवल 1 पैसे में दस लाख तक के बीमा का विकल्प दिया है। सितंबर 1 से शुरू की गई इस योजना के तहत 15 अक्टूबर तक 1.5 करोड़ यात्रियों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हाल ही में अधिकारियों को सलाह दी है कि यात्रियों के गुमशुदा सामान को ढूंढने के लिए सिस्टम तैयार किया जाए। ऐसे मामले जिसमें सामान चोरी नहीं हुआ है और यात्री का सामान रेल में ही रह गया है, वह उसे वापस लौटाया जाए। इसके लिए रेलगाड़ी में गुमशुदा सामान के लिए खास वेबसाइट बनाई जाए, जहां यात्री अपना सामान ढूंढ पाएं। यात्रा के दौरान सामान चोरी हो जाने पर बीमा करने पर भी विचार हो रहा है।

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