उत्तराखंड के किसान बोले… हमें भी मिले 7वां वेतन आयोग!
उत्तराखंड में कर्मचारियों की तरह किसानों ने भी 7 वेतन आयोग की मांग की है. किसानों का मानना है की महंगाई तो सबके लिए बराबर है। ऐसे में महंगाई के हिसाब से केवल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया गया, लेकिन किसान मजदूर की हालत के बारे में नहीं सोचा गया। किसानों का यही गुस्सा सोमवार को सचिवालय पर फूटा।
भारतीय किसान यूनियन ने गन्ने का मूल्य पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल किए जाने सहित छह सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को सचिवालय कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें सचिवालय से पहले रोक लिया।
सचिवालय कूच के दौरान किसान अपने साथ चूल्हा लेकर आए और धरने पर बैठे चाय और खाना भी बनाया। किसानों ने कहा कि वह कर्मचारियों के वेतन बढ़ाए जाने का विरोध नहीं करते लेकिन बाजार में हमें भी सामान उतना ही महंगा मिलता है। रुड़की व हरिद्वार सहित विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे किसानों ने कहा कि उनकी फसलों का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है। किसान फसल का उचित दाम दिलाए जाने, सिंचाई शुल्क माफ करने, पहाड़ में चकबंदी व मंडी तक फसल पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देने की मांग कर रहे थे। किसानों ने कहा कि सरकार के इस रवैये के कारण ही किसान आज आत्महत्या करने को मजबूर है।