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भुवनेश्वर के एसयूएम अस्पताल में आग से 25 मरीजों की मौत

fire-broke-out-in-icu-ward-of-medical-sciences-hospital-in-bhubaneswar-22-killedभुवनेश्वर। ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर के एसयूएम अस्पताल के आईसीयू में सोमवार शाम को आग लगने से व दम घुटने से 25 मरीजों की मौत हो गई है। और दर्जनों भर लोग इस आग के चपेट से झुलस गये है। एसयूएम अस्पताल में करीब 500 मरीज थे। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

कहा जा रहा है कि एसयूएम अस्पताल की पहली मंजिल पर बने डायलिसिस वॉर्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। अस्पताल के आईसीयू में तुरंत आग फैल गई। अधिकारियों ने बताया कि एसयूएम अस्पताल से 14 मरीज मृत अवस्था में कैपिटल अस्पताल लाए गए, जबकि अमरी अस्पताल में आठ मरीज मृत अवस्था में लाए गए।

एसयूएम अस्पताल में आग की घटना पर गंभीर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे को अत्यंत दुखद करार दिया। मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि, वे एसयूएम अस्पताल से लाए गए मरीजों को जल्दी इलाज कराएं। उन्होंने सभी अस्पतालों से भी अनुरोध किया कि वे एसयूएम अस्पताल के मरीजों का इलाज करें।

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना दिल दहलाने वाली है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ओड़िशा के अस्पताल में लगी आग में लोगों की जान जाने से काफी दुखी हूं। यह त्रासदी दिमाग को झकझोर देने वाली है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि, मैंने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है और उन्हें घायलों को दिल्ली एम्स में भर्ती कराने की व्यवस्था करने को कहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र इस घटना में ओड़िशा को हर तरह मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि, वह पहले ही भुवनेश्वर स्थित एम्स के अधिकारियों से बात कर चुके हैं। और उनसे मरीजों को हर जरूरी मदद करने को कहा है।

एसयूएम अस्पताल में 500 से ज्यादा मरीज फंसे हुए थे। भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि पुलिस आयुक्त कार्यालय और दमकल कर्मियों ने स्वयंसेवकों एवं अस्पताल कर्मियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया।

आग पर काबू पाने के लिए 8 दमकल वाहनों को लगाया गया और नाजुक हालत वाले मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजने के लिए एक दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस लगाए गए। एक चश्मदीद ने कहा कि कई मरीजों को खिड़कियों के शीशे तोड़कर निकाला गया।

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