पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के कहने के बावजूद कई विधायकों ने विधानसभा टिकट पाने के लिए आवेदन नहीं किया है. किशोर की बात को अधिकतर विधायकों ने तवज्जों नहीं दी है.
एक तरफ विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में चुनावी जड़े मजबूत करने में जुटी है तो दूसरी ओर कांग्रेस संगठन ने टिकटों के बंटवारे का राग छेड़ रखा है. संगठन द्वारा तय की गई 12 अक्टूबर की देर रात तक वैसे तो कई आवेदन आए, लेकिन 18 विधायकों ने इस आवेदन प्रक्रिया में इंट्रेस्ट ही नहीं दिखाया.
वैसे तो इसे अलग अलग नजरिए से देखा जा रहा है, लेकिन जानकार मानते हैं कि संगठन में आवेदन कर टिकट प्राप्त करने का कोई मतलब नही. क्योंकि टिकट देना या न देना ये तो आलाकमान को तय करना है. अकेले देहरादून की दस विधानसभाओं के लिए 104 आवेदन किए गए हैं. जिसमें दो मंत्री नवप्रभात और प्रीतम सिंह भी शामिल हैं.
देहरादून के ही तीन विधायकों राजकुमार, हीरा सिंह बिष्ट और दिनेश अग्रवाल ने टिकट प्राप्ति के लिए आवेदन नही किया गया. माना जा रहा है संगठन द्वारा ये प्रक्रिया काफी पहले शुरू कर दी गई . जबकि कांग्रेस का चुनावी अभियान अभी भाजपा की तुलना में फीकी नजर आ रही है.