अनुबंध सिद्धांत पर मिला अर्थशास्त्र का नोबल
ब्रिटिश-अमेरिकी अर्थशास्त्री ओलीवर हार्ट और फिनलैंड के बेंगट हाल्मस्ट्राम को आर्थिक क्षेत्र में अनुबंध का सिद्धांत के विकास में उनके योगदान के लिये सोमवार को अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार की निर्णायक समिति ने सोमवार को एक बयान में कहा, इस वर्ष के पुरस्कार विजेता विद्वानों ने अनुबंध सिद्धांत (कॉन्ट्रेक्ट थ्योरी), अनुबंधों की अभिकल्पना में विभिन्न प्रकार के मुद्दों, मसलन बड़े अधिकारियों को प्रदर्शन आधारित वेतन, इंश्योरेंस और सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यों के निजीकरण आदि के विश्लेषण के व्यापक नियमों का विकास किया है।
बयान में कहा गया है कि इन सैद्धांतिक नियमों से वास्तविक अनुबंधों और संस्थाओं तथा तथा अनुबंध के डिजाइन में गलतियों को समक्षने में मदद मिलती है। समिति ने कहा है कि इन अर्थशास्त्रियों ने एक नयी लीक बनायी है और विभिन्न क्षेत्रों में नितियों और संस्थाओं के डिजाइन के लिए एक बौद्धिक आधारशिला रखी है। इसमें दिवाला कानून से लेकर राजनीतिक संविधान तक के क्षेत्र शामिल हैं।
हार्ट का जन्म 1948 में हुआ। वह अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं जबकि हाल्मस्ट्रॉम इंस्टीटयूट ऑफ मेसाचुसेटस में अर्थशासत्र और प्रबंधन के प्रोफेसर रहे हैं। नोबल के रूप में उन्हें 8,26,000 यूरो यानी 9,24,000 डालर का पुरस्कार मिलेगा जिसे दोनों के बीच बांटा जायेगा।
पिछले साल नोबल का यह पुरस्कार ब्रिटेन के शोधकर्ता अंगस डीटॉन को दिया गया। उन्होंने गरीबी दूर करने के लिये काफी महत्वपूर्ण कार्य किया। नोबल के पुरस्कारों में अर्थशास्त्र के लिये दिया जाने वाला पुरस्कार काफी महत्वपूर्ण है। इसे वर्ष 1968 में स्वीडन के केन्द्रीय बैंक ने शुरू किया था। नोबल के अन्य पुरस्कार भी स्वीडन के शोधकर्ता और परोपकारी अल्फ्रेड नोबल की 1895 की वसीयत के आधार पर शुरू किये गये।