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विजयादशमी पर दिखे पतलून में स्वयंसेवक

garveshआरएसएस के स्वयंसेवकों ने आज विजयादशमी पर 90 साल से शामिल खाकी निकर को छोड़कर भूरे रंग की पतलून पहन ली। आज संघ का स्थापना दिवस भी है। इस अवसर पर नागपुर में आज संघ प्रमुख मोहन भागवत स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।

संघ के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत कई लोग मौजूद हैं। स्वयंसेवकों ने आज सुबह नागपुर में मार्च किया। विजयादशमी और स्थापना दिवस के अवसर पर देशभर में संघ कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

मोजों के रंग को बदलने की भी मंजूरी

संघ ने स्वयंसेवकों के लिए मोजों के रंग को बदलने की भी मंजूरी दे दी गई है और पुराने खाकी रंग की जगह गहरे ब्राउन रंग के मोजे इसमें शामिल होंगे। हालांकि परंपरागत रूप से शामिल दंड गणवेश का हिस्सा बना रहेगा।

जिन राज्यों में अधिक सर्दी पड़ती है वहां ठंड के मौसम में संगठन के स्वयंसेवक गहरे ब्राउन रंग का स्वेटर पहनेंगे। ऐसे एक लाख स्वेटरों का ऑर्डर दिया जा चुका है।

बदलते समय के साथ परिवर्तन

संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, विभिन्न मुद्दों पर संघ के साथ काम करने को लेकर समाज की स्वीकृति बढ़ती जा रही है और सुविधा के स्तर को देखते हुए वेशभूषा में बदलाव किया गया। यह परिवर्तन बदलते समय के अनुरूप ढलना दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि आठ लाख से अधिक ट्राउजर वितरित कर दिए गए हैं। इनमें छह लाख सिले हुए ट्राउजर हैं और दो लाख का कपड़ा है जो देशभर में संघ कार्यालयों पर पहुंचा दिए गए हैं।

वैद्य ने बताया कि 2009 में गणवेश में बदलाव का विचार किया गया था लेकिन तब इस पर आगे काम नहीं हो सका। विचार-विमर्श के बाद 2015 में इस प्रस्ताव को फिर से आगे बढ़ाया गया और निकर की जगह पतलून को वेशभूषा में शामिल करने की आम-सहमति बन गई। संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने इस प्रस्ताव पर कुछ महीने पहले मुहर लगाई थी।

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