मायावती ने किया ऐलान उत्तराखंड में चुनाव पूर्व गठबंधन का सवाल ही नहीं
कांशीराम की दसवीं पुण्य तिथि के मौके पर रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने उत्तराखंड का नाम लेकर यह बात कही। उन्होंने मतदाताओं से बसपा को वोट देने की अपील की।
रैली में मायावती ने भाजपा पर सर्जिकल स्ट्राइक का चुनावी लाभ लेने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि नौ माह पूर्व पठानकोट हमले के बाद ही यह सर्जिकल स्ट्राइक हो जाती तो शायद 17 जवानों को जान से हाथ न धोना पड़ता। इसके साथ ही यह ऐलान किया यूपी के अलावा पंजाब और उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में बसपा किसी दल के साथ चुनाव से पूर्व समझौता नहीं करेगी।
आंकड़ों की मानें तो तो उत्तराखंड में दलित वोटरों की संख्या लगभग 15 फीसदी है। इनमें सर्वाधिक तादाद यहां के मैदानी क्षेत्रों में है। चर्चा यह भी थी कि सरकार को समर्थन दे रही बसपा इस बार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस दलित वोटों का लाभ लेने की मंशा से यह समझौता करने की गुपचुप तैयारी में भी थी। मगर मायावती के एकला चलो के मंत्र से इन तैयारियों को पलीता लग गया है।
वर्ष 2007 में बसपा ने राज्य की 69 सीटों पर चुनाव लड़कर आठ सीटों पर कब्जा किया था। इस तरह कुल वोटों में बसपा को 11.76 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद वर्ष 2012 के चुनावों में बसपा की सीटें घटकर तीन रह गई थीं। हालांकि वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 12.19 हो गया था। इस बार बसपा फिर से सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारने जा रही है।