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पत्नी मां-बाप से अलग रहने का दबाव डाले तो पति को तलाक की छूट

scनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पारिवारिक मामले में अहम फैसला सुनाकर नजीर स्थापित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर पत्नी मां-बाप से अलग रहने का दबाव डाले तो पति तलाक ले सकता है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए शुक्रवार को सुनाया। कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई पत्नी पति को माता-पिता और परिवार से अलग करने पर मजबूर करती है तो यह क्रूरता मानी जाएगी। इस आधार पर हिन्दू पति, पत्नी को तलाक दे सकता है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पत्नी के पक्ष को माना था सही
इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने पत्नी के पक्ष को सही माना था। निचली कोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा था कि पत्नी की ख्वाहिश सही है। वह पति की इनकम फैमिली मेंबर्स पर खर्च करने के बजाय खुद इस्तेमाल करना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पत्नी द्वारा पति के खिलाफ झूठे आरोप, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, आत्महत्या करने की धमकी देना भी ‘मानसिक क्रूरता’ है। यह भी तलाक का आधार हो सकता है। गौरतलब है कि यह ये फैसला नरेंद्र वर्सेज कुमारी मीरा के मामले में आया है। इसमें पति ने कोर्ट से अपनी 24 साल की शादी पर तलाक की अनुमति मांगी थी।

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