उत्तराखंड

यहाँ भी बिना आधार कार्ड नहीं चलेगा काम

maxresdefaultअल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर न्याय के देवता चितई गोलू देवता का मंदिर हैं. जहां वर्ष भर श्रद्धालुओँ का वर्ष भर ताता लगा रहता हैं. मंदिर में वर्ष भर शादी करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. मंदिर समिति ने तय किया है कि अब बिना आधार कार्ड के शादी नही होगी. आधार कार्ड लेने से वर-वधु की आयु और पता सही मिल जायेगा.
कुमांऊ में न्याय के देवता के रूप में प्रसिद्ध गोलू देवता के यहां लोग न्याय के लिए पहुचते हैं. जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती हैं. वे यहां घंटी चढ़ाते हैं. वर्ष भर यहां शादी करने वाले जोड़ों की भीड लगी रहती हैं. कई बार बिना पहचान पत्र के शादी कराने पर मानव तस्करी के मामले भी सामने आ रहे हैं. मंदिर समिति ने बैठक कर अब बिना आधार कार्ड के शादी नहीं करने का निर्णय लिया हैं. वर और वधु को पहले अपना आधार कार्ड जमा कराना पड़ेगा.
मंदिर समिति की इस पहल से मंदिर में शादी कराने वाले पुजारी भी काफी खुश हैं. पहले भी कई मामले ऐसे सामने आये जिसमें मंदिर की शादी करके और बाद में उस लडकी को कही और मैदानी क्षेत्रों में बेच दिया गया.
मंदिर समिति की यह पहल सराहनीय हैं. इससे पहाड़ों से होने वाली मानव तस्करी में लगाम लगेगी और ऐसा करने वाले तस्कर भी डरेंगे. अगर आपने अपनी-बेटी या बेटे की शादी चितई मंदिर में करनी हैं तो दोनों का आधार कार्ड जरूर लाइए.

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