पिथौरागढ़ में एटीएम अब हांफ रहे है ब्यूरोक्रेट्स, टीचर्स और डॉक्टर्स की कमी तो आये दिन देखने को मिलती है. लेकिन इन दिनों ये जिला करेंसी के संकट से जूझ रहा है. आलम ये है कि पिछले दो पखवाड़े से जिले में करेंसी का ऐसा संकट बना हुआ है कि सब कुछ थम सा गया है. त्योहार के सीजन में करेंसी के संकट से कारोबार भी चौपट होने लगा है.
पिथौरागढ़ नगर हो या यहां की तहसीलें या फिर छोटे कस्बे सभी जगह करेंसी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. आलम ये है कि जिले के बैंक और एटीएम नकदी नहीं होने से हफ्तों से शो-पीस बने हुए हैं. बैंकों के पास नगद धनराशि नही होने से जहां लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.
वहीं बैंकों के साथ ही प्राइवेट कारोबार भी चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है. ये पहला मौका जब पिथौरागढ़ के लोग पाई-पाई के लिए तरसे हुए हैं. जिला व्यापार संघ के अध्यक्ष पवन जोशी का कहना है कि नगद पैसे नहीं होने से ग्राहक दुकानों को नहीं आ रहे हैं.
असल में पिथौरागढ़ जिले को नगद करेंसी आरबीआई की कानपुर ब्रांच जारी करती है. लेकिन उत्तर प्रदेश में सुरक्षा बल नही मिलने से यहां करेंसी नही पहुंच पा रही है. नियमों के मुताबिक बॉर्डर जिलों में नगद करेंसी की रत्तीभर भी कमी नही होनी चाहिए और ना ही ऐसे जिलों में पुरानी करेंसी बाजार में होनी चाहिए. बावजूद इसके यहां लोग पाई-पाई को मोहताज हैं. लीड बैंक के प्रबंधक बीएस धर्मसत्तू का कहना है कि जल्द ही नगदी संकट दूर कर लिया जाएगा.
पिथौरागढ़ में नगदी के टोटे से चम्पावत और बागेश्वर जिले भी प्रभावित हो रहे हैं. आपातकाल में इन जिलों में पिथौरागढ़ से ही नगदी की कमी दूर की जाती है. ऐसे में लाख टके का सवाल ये है कि त्योहारी सीजन आखिर कब तक बॉर्डर में बसे लोगों अपने ही पैसों के लिए तरसने को मजबूर होंगे.