अखिलेश से फिर बवाल… मुख्तार की पार्टी को सपा में ले आये शिवपाल
यूपी की राजनीति से बड़ी खबर आयी है. आज शिवपाल यादव ने बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय को हरी झंडी दे दी है. कौमी एकता दल के विलय को लेकर अखिलेश और शिवपाल में विवाद था.अखिलेश इस विलय के खिलाफ थे जबकि शिवपाल इसे फायदे का सौदा मानते हुए इसके पक्ष में थे. अभी तक अखिलेश यादव की ओर से इस विलय पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
पार्टी में खिंच चुकी है लकीर!
आज शिवपाल यादव ने जिस नई कार्यकारिणी का ऐलान किया उसमें सभी शिवपाल के करबीबी ही है. इससे साफ है कि पार्टी में एक लकीर खिंच चुंकी है. हालांकि मीडिया से बात करते हुए पूरा यादव परिवार इस फूट को इनकार करता रहा है.
इस पूरे घटना क्रम के बाद अखिलेश यादव की मांग है कि अगर मेरे चेहरे पर चुनाव लड़ रहे हैं तो टिकट बांटने का फैसला मेरे पास ही रहे. लेकिन इस मुख्तार की वापसी के बाद इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि अब पार्टी में अखिलेश के हाथ में कुछ बचा नहीं है.
पहले भी हो चुका है विलय
पिछले 21 जून को मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो गया था. लेकिन अखिलेश यादव के भारी विरोध करने के बाद 25 जून को लखनऊ में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई जिसमें विलय को रद्द करने का ऐलान कर दिया गया.
प्रदेश की सियासत, परिवार का झगड़ा!
इसके बाद शिवपाल यादव नाराज हो गए थे जिन्हें मनाने के लिए मुलायम सिंह उन्हें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था. इसके बाद अखिलेश ने एक बड़ा दांव चलते हुए शिवपाल से सभी बड़े मंत्री पद छीन लिए. इसके साथ शिवपाल के करीबी कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापित को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
इसके बाद चाचा भतीजे के झगड़े से पैदा हुए सियासी ड्रामे को पूरे देश ने देखा था. दोनों के बीच रूठने मनाने का अक लंबा दौर चला. आखिर में मुलायम सिंह दोनों लोगों एक साथ लाए और अखिलेश को संसदीय बोर्ड का चेयरमेन बनाया गया और अखिलेश ने भी शिवपाल को उनके सारे मंत्रालय वापस कर दिए.
बीजेपी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, “इसका किसी भी तरह से फायदा नहीं होगा. अखिलेश कहते हैं कि वो तुरुप का इक्का हैं लेकिन उनकी पार्टी में उनका कोई समर्थन नहीं करता.”
मुलायम का घर छोड़ चुके हैं अखिलेश!
अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव का घर भी छोड़ दिया है. अब तक पिता पुत्र लखनऊ में पांच विक्रमादित्य मार्ग वाले बंगले पर साथ साथ रहा करते थे. पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते मुलायम सिंह यादव को ये घर यूपी सरकार से मिला हुआ है.
वैसे तो पांच कालिदास मार्ग का बंगला यूपी के मुख्यमंत्री का सरकारी घर होता है लेकिन अखिलेश यादव यहां कभी नहीं रहे. इस बंगले से वो सिर्फ सरकारी काम काज निपटाते है.
किसी से मिलना होता है या फिर प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए अखिलेश इस घर का इस्तेमाल करते रहे है. इसके बगल में उन्होंने जनता दर्शन के लिए अलग से एक हॉल भी बनवाया था. अब खबर है कि अखिलेश यादव का परिवार चार विक्रमादित्य मार्ग के बंगले में रहेगा.