मनरेगा का बजट रोकने पर भड़के प्रधान ग्रामीण विकास ठप करने का आरोप
मनरेगा मजदूरों का भुगतान न होने पर भड़के ग्राम प्रधानों ने एसडीएम कार्यालय में प्रदर्शन कर धरना दिया। उन्होंने केंद्र सरकार पर गैर भाजपा शासित उत्तराखंड की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए ग्रामीण विकास ठप करने का भी आरोप लगाया। दो टूक चेतावनी दी कि मजदूर विरोधी नीतियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
विकासखंड के तमाम गांवों के प्रधान सड़क पर उतर आए। उन्होंने एसडीएम कार्यालय में प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि मनरेगा अधिनियम के तहत 14 दिन के भीतर मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने तथा रोजगार न देने पर बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान किया गया था। आरोप लगाया कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने रोजगारपरक मनरेगा योजना को असफल करने की कोशिश तेज कर दी।
प्रधानों ने कहा कि मनरेगा मजदूरों का भुगतान रोक केंद्र उनके हितों से खिलवाड़ कर रहा है। बजट अवमुक्त न होने से पर्वतीय राज्य में ग्रामीण विकास पूरी तरह ठप हो गया है। बाद में पूर्व विधायक करण माहरा के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार दामोदर पंत को दिया गया। इसमें जल्द भुगतान न होने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी गई। इस मौके पर कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह देव, प्रधान राजेंद्र बिष्ट, दुर्गा देवी, मुन्नी तिवारी, गोपाल आर्या, रमेश चंद्र, डीएस रौतेला आदि मौजूद रहे।