सर्जिकल स्ट्राइक पर बयानबाजी से नाराज प्रधानमंत्री ने कहा अधिकृत मंत्री और सेना ही बोले
उरी हमले के बाद भारतीय सैनिकों ने सर्जिकल स्ट्राइक की। फिर उसके बाद पाकिस्तान और सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर लगातार राजनीति होती रही देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को कड़ा संदेश दिया है। पीएम मोदी ने इस मसले पर अपने मंत्रियों को चुप रहने की हिदायत दी है।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने साफ निर्देश दिए हैं कि पाकिस्तान और सर्जिकल स्ट्राइक पर सिर्फ अधिकृत मंत्री और सेना ही बोले। हर किसी को सर्जिकल स्ट्राइक पर बयानबाजी करने से मना कर दिया गया है। उन्होने कहा सर्जिकल स्ट्राइक पर सिर्फ बयानबाजी और राजनीति ही हो रही है। कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने इसे फर्जी बताया, वहीं दिल्ली के मुख्यमुत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके सबूत मांगा।
इस तरह की बातों पर सरकार ने अभी तक फैसला नहीं लिया है कि वो इस ऑपरेशन का वीडियो जारी करे या नहीं। सरकार के अनुसार, डीजीएमओ के बयान पर भरोसा किया जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस ऑपरेशन पर हो रही राजनीति में नहीं पड़ना चाहती। सरकार का मानना है कि इस मसले पर हो रही राजनीति के कारण उसको लाइन ऑफ कंट्रोल के पार सेना के ऑपरेशन के किसी को कोई सुबूत देने की जरूरत नहीं है।
सर्जिकल स्ट्राइक की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी सीसीएस के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, पाक अधिकृत कश्मीर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पहले से रक्षा मंत्रालय के पास हैं। बुधवार की मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि इन सबूतों को सार्वजनिक किया जाए या नहीं।