उत्तराखंड

बिजली नहीं होने से धोनी पर फिल्म नहीं देख पाए धोनी के गाँव वाले

msid-53158284width-400resizemode-4ms-dhoniकभी हेलीकाप्टर शॉट, कभी लंबे बाल को लेकर सुर्खियों में रहने वाले भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी इन दिनों अपनी फिल्म को लेकर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। धौनी की फिल्म को लेकर देश ही नहीं विदेश के लोगों में भी खूब उत्साह है, लेकिन धौनी के गांव के लोगों को अपने लाडले की फिल्म नहीं देख पाने का काफी मलाल है। संसाधनों की कमी की वजह से गांव के लोग माही के जीवन पर बनी फिल्म नहीं देख पा रहे हैं।
अल्मोड़ा जिले के जैंती तहसील के ल्वाली में माही का पैतृक गांव हैं। यहां पर उनके चाचा घनपत धौनी अपने परविार के साथ रहते हैं। घनपत ने फोन पर बताया कि उन्हें परिवार के लोगों ने बताया कि महेन्द्र के संघर्ष पर फिल्म बनी है, उन्होंने फिल्म नहीं देखी। कहा कि गांव में न तो बिजली रहती है ना ही नजदीक में कोई सिनेमा घर है। टीवी भी बेहद कम लोगों के पास। अभी डीवीडी में भी फिल्म नहीं देख पाए। रविवार को वह हल्द्वानी आए हैं। समय लगा तो वह यहां पर फिल्म जरूर देखेंगे।

125 किमी दूर आएंगे गांव वाले फिल्म देखने
हल्द्वानी। क्षेत्र पंचायत सदस्य ल्वाली हयात सिंह धौनी ने बताया कि माही ने हमारे गांव का नाम देश-दुनिया में रोशन किया है। हमें एक अलग पहचान दिलाई। गांव में फिल्म देखने के लिए कोई संसाधन नहीं है, लेकिन वह आज गांव से 125 किमी दूर हल्द्वानी में सिनेमा घर में फिल्म देखने जाएंगे।

चार किमी के लिए 25 किमी का फेर
अल्मोड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि धौनी ने जब 2011 में भारत को वर्ल्डकप दिलाया। उसके बाद लोगों का ध्यान गांव की ओर आया। सरकार ने सड़क बनाने का आश्वासन दिया, लेकिन सड़क का सर्वे गलत किया गया। सड़क बनने के बाद गांव वालों को जैंती जाने के लिए 25 किमी का सफर तय करना पड़ता है, जबकि पैदल रास्ता चार किमी का है।

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