उत्तराखंड

गैरसैंण में अगले महीने होगा विधानसभा सत्र

rawat-12-05-2016-1463025684_storyimageमुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यदि मौसम ने साथ दिया तो अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित किया जाएगा। यह सत्र राज्य के जारी वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट को पूरा करने के साथ वर्ष 2017 की कार्य योजना की दृष्टि से भी अहम होगा। उम्मीद है कि तब तक भाजपाइयों का गुस्सा भी निकल जाएगा और वे स्वाभाविक व्यवहार करेंगे। बीजापुर गेस्ट हाउस में बुधवार को पत्रकार वार्ता में सीएम ने कहा कि राज्य के विकास के लिए वर्ष 2025 तक का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। रोड मैप तैयार होते ही विधानसभा के आगामी सत्र में रखा जाएगा। यह 2017 के विकास का भी पैरामीटर होगा। सीएम ने कहा कि पर्वतीय खेती और शिक्षा पर भी सरकार का विशेष ध्यान है। इस पर भी गैरसैंण में होने वाले विधानसभा सत्र में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नये जनपदों, तहसीलों और ब्लाकों के पुनर्गठन आदि की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा, इस संबंध में सरकार पूरी एक्सरसाइज के बाद ही निर्णय लेगी।
बकौल रावत-मेरी कोशिश तो इसी साल 15 अगस्त को कुछ नए जिलों को अस्तित्व में लाने की थी। इसके लिए बजट में भी प्रावधान किया था। अभी तक तो 16 नए जिलों के गठन की मांग आई है लेकिन जिलों के पुनर्गठन का मुद्दा सरकार के लिए अहम है। भाजपा ने इसमें बड़ा व्यवधान पैदा किया। नए जिलों के गठन से नान प्लान खर्च बढ़ेगा लेकिन इस की आड़ में सरकार नए जिलों का गठन नहीं रोकना चाहती। यह खर्च उठाने में नए जिले खुद सक्षम भी होंगे। यदि शुरुआती वर्षों पर इस पर ध्यान दिया जाता तो यह समस्या नहीं होती।

तहसील-ब्लॉक पर सरकार गंभीर
सीएम ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि पहले नई तहसीलें और ब्लॉक का पुनर्गठन हो जाए। तहसीलें तो बन गई हैं पर कुछ जिलों में ब्लॉक अब भी बहुत बड़े हैं। ब्लॉकों के पुनर्गठन को लेकर सरकार गंभीर है। राज्य स्थापना के बाद प्रदेश के विकास से संबंधित जितनी नीतियां बनीं राज्य के समग्र विकास के प्रति पिछले दो सालों में हमने उससे दोगुनी नीतियां बनाई हैं।

सुविधाओं को बना रहे कार्ययोजना
सीएम ने कहा कि भविष्य में शहरी क्षेत्रों में बढ़ने वाली आबादी को जरूरी सुविधाएं-संसाधन उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बना रहे हैं। इसके मद्देनजर नगर पंचायतों, नगर निगमों के संसाधनो में वृद्धि के प्रति भी ध्यान दिया जा रहा है। पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों में कृषि के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि यह हमारी आर्थिक विकास दर को मजबूती प्रदान करे।

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