यूटीयू पर जांच की आंच
नियुक्तियों में अनियमितताओं को लेकर यूनिवर्सिटी पर गंभीर आरोपविवादों में घिरे उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) के खिलाफ राज्यपाल ने जांच बिठा दी है। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को जांच सौंपी गई है। उन्हें विस्तृत जांच के लिए कहा गया है।
पिछले लंबे समय से यूटीयू को लेकर तमाम विवाद सामने आ चुके हैं। खासतौर पर नियुक्तियों में गड़बड़ी और अनियमितताओं को लेकर यूनिवर्सिटी पर गंभीर आरोप लगे हैं। राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पॉल ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों और वहां की मौजूदा स्थिति के साथ ही मीडिया में सामने आ रही रिपोर्ट को आधार बनाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को विस्तृत तथ्यपरक जांच का जिम्मा सौंपा गया है। राज्यपाल ने आदेश दिए हैं कि तमाम शिकायतों, आरोप-प्रत्यारोपों से विवि की प्रतिष्ठा पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए विभिन्न माध्यम से प्राप्त हुई शिकायतों की सम्यक जांचकर जल्द से जल्द रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।
विश्वविद्यालय पर अनियमितता के आरोप
उपनल से नियुक्त कर्मचारियों को अधिकतम वेतन 33 हजार रुपये दिए जा सकते हैं, लेकिन यूटीयू में 47 हजार रुपये तक वेतन दिया जा रहा है।
यूटीयू के संगठक महाविद्यालयों में भी बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति में मानकों की अनदेखी की गई। अस्थाई शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बनी चयन समिति में तय मानक पूरे नहीं किए गए।
विश्वविद्यालय के अफसरों पर अपने परिवारीजनों और रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण पदों पर तैनात करने के आरोप भी हैं।
परीक्षाओं में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप समय-समय पर छात्र लगाते रहे हैं।
कंप्यूटर और आईटी से जुड़े काम कंपनियों को देने में भी हेराफेरी के आरोप।
यूटीयू में वाहनों के प्रयोग में भी बड़े गोलमाल के आरोप लगे हैं।
पांच अलग-अलग कॉलेजों से निष्कासित शख्स को विश्वविद्यालय में परीक्षाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का मामला।
डब्ल्यूआईटी में पिछले कई दिन से शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं और यूटीयू कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहा है।
डब्ल्यूआईटी की निदेशक ने सीधे तौर पर कार्य में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है।
डॉ. कुमार बने पंत विवि के कुलपति
डॉ. जे.कुमार गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय के नए कुलपति होंगे। सोमवार को राज्यपाल ने पूर्व कुलपति डॉ. मंगला राय का इस्तीफा मंजूर करते हुए डॉ. कुमार की नियुक्ति की। विवि में कुलसचिव पद पर कार्यरत डॉ. कुमार की नियुक्ति छह महीने अथवा नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक के लिए की गई है। मालूम हो कि निवर्तमान कुलपति डॉ. मंगलाराय ने 21 अगस्त को राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया था। विवि में चल रही हड़ताल की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया था। हालांकि उस वक्त राज्यपाल ने सख्ती से उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया। बाद में डॉ. राय के विवि में आगे सेवाएं देने से अनिच्छा जाहिर कर देने पर राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।