भारत के साथ किए गए MoU को रद्द कर सकती है बांग्लादेश सरकार
नई दिल्ली। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ हाल में किए गए सहमति पत्रों (MoU) की समीक्षा कर सकती है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने रविवार को कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ दस्तखत किए गए एमओयू की समीक्षा कर सकती है। अगर उन्हें देश के लिए लाभकारी नहीं माना जाता है, तो इन एमओयू को रद्द किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह बांग्लादेश सरकार का खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर होगा।
भारत-बांग्लादेश के बीच प्रमुख समझौते
बांग्लादेश के नागरिकों को मेडिकल ई-वीजा की सुविधा देने का ऐलान. इसके लिए भारत सरकार बांग्लादेश के रंगपुर में उप-उच्चायोग खोलेगी.
राजशाही और कोलकाता के बीच नई रेल सेवा.
चटगांव और कोलकाता के बीच नई बस सेवा.
गेदे-दरसाना और हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी के बीच दलगांव तक मालगाड़ी सेवाओं की शुरुआत.
सिराजगंज में अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (ICD) का निर्माण.
भारतीय ग्रिड के जरिए नेपाल से बांग्लादेश को 40 मेगावाट बिजली का निर्यात.
गंगा जल संधि के नवीनीकरण पर चर्चा के लिए संयुक्त तकनीकी समिति.
तीस्ता नदी के जल-बंटवारे पर चर्चा के लिए तकनीकी टीम भेजने पर सहमति
भारत सरकार का मानना है कि यह बांग्लादेश में नई सरकार का शुरुआती चरण है और जैसे-जैसे समय बीतेगा वे विकसित होंगे और उनका एक नया रूप सामने आएगा। सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश की नई सरकार का मानना है कि शेख हसीना भारत के करीब थीं और उन्होंने सहमति पत्रों पर दस्तखत करते समय भारत के लिए अनुकूल व्यवहार किया है।