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राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के प्रगतिशील किसान गोपाल उप्रेती को पादप जिनोम संरक्षक पुरस्कार से किया सम्मानित

नई दिल्ली। दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा “किसानो के अधिकारों को लेकर वैश्विक संगोष्ठी” (global  symposium on farmers right) का आयोजन आज से किया जा रहा है। संगोष्ठी का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने किया।

संगोष्ठी में दुनियाभर के 150 देशों के किसान और ख्याति प्राप्त कृषि वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे है, किसानों के हितों को लेकर ये अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी भारत में पहली बार आयोजित की जा रही है।

इसी कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रगतिशील किसान गोपाल दत्त उप्रेती को महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने “धनिया के पौधे की नई किस्म (प्रजाति GS-1999) विकसित करने के लिए “पादप जिनोम संरक्षक” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में रहने वाले किसान गोपाल उप्रेती को कृषि क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स, उत्तराखंड सरकार द्वारा उद्यान पंडित, कृषि भूषण, इनोवेटिव फार्मर अवार्ड, प्रगतिशील कृषक सम्मान जैसे विशिष्ट पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।

इस मौके पर गोपाल उप्रेती के साथ मौजूद फेसिलिटेटर और अल्मोड़ा कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शिव शांतनु सिंह ने बताया कि गोपाल उप्रेती ने उत्तराखंड राज्य और वहां के किसानों का गौरव बढ़ाया है, इस पुरस्कार से उत्तराखंड के विषम भौगोलिक क्षेत्र में काम करने वाले किसानों को प्रेरणा मिलेगी।

राष्ट्रपति ने देश के कुल 22 प्रगतिशील किसानों को कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। ये किसान संगोष्ठी 12 से 15 सितम्बर तक चलेगी, इसमें राष्ट्रपति से पुरस्कृत  किसानों ने स्टाल लगाकर अपने विशिष्ट कार्यों और उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई है, जिसकी देश-विदेश के कृषि विशेषज्ञ सराहना कर रहे है।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव भारत सरकार मनोज आहूजा, महानिदेशक आईसीएआर डॉ हिमांशु पाठक, डॉ. टी महापात्रा  आदि गणमान्य उपस्थित रहे

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