लखनऊ के हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में ‘स्तन पान और पूरक पोषण’ विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
लखनऊ। एमवाईआईसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत ‘स्तन पान और पूरक पोषण’ विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ लखनऊ के आईआईएम रोड स्थित बाबूजी मेमोरियल आश्रम हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में हुआ। इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 55 आंगनबाड़ी सुपरवाइजरों, डीपीओ और अधिकारियों ने भाग लिया।
आईसीडीएस (इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेस स्कीम) और हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला के सुबह के सत्र में मुंबई से आईं न्यूट्रिशन एक्सपर्ट दीपाली ने बताया कि सही से स्तनपान न कराने की वजह से जन्म के कुछ माह बाद बच्चे का वजन गिरने लगता है।
उन्होंने कहा मां का दूध बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार है। यह शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के साथ ही शरीरिक, भावनात्मक और मानसिक विकास में भी सहायक है। स्तनपान के वक्त बच्चे को गोद में लेने की सही पोजिशन की भी जानकारी दी।
शाम के सत्र में ‘हार्टफुलनेस दिव्यजननी” कार्यक्रम में गाजियाबाद से आईं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुलिका अग्रवाल ने बताया हार्टफुलनेस शिथलीकरण और ध्यान का अभ्यास करने वाली गर्भवती महिलाओं के बच्चे शारीरिक के साथ ही मानसिक और भावनात्मक रूप से अन्य की अपेक्षा ज्यादा विकसित होते हैं। उन्होंने सभी सुपरवाइजरों को शिथलीकरण और ध्यान का अभ्यास भी कराया।
हार्टफुलनेस संस्था लखनऊ की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी मेहरोत्रा ने बताया की सुपरवाइजरों के सात दिवसीय प्रवास के मद्देनजर सभी मूलभूत सुविधाएं केन्द्र पर उपलब्ध हैं। यह कार्यक्रम डायरेक्टर आईसीडीएस डॉ. सारिका मोहन और सेक्रेटरी अनामिका सिंह के मार्ग दर्शन में संचालित हो रहा है।