फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन किया जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को जब हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने आग में जिंदा जलाने का प्रयास किया था, तो होलिका स्वयं जलकर खाक हो गई थी और प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ था। जिस दिन ये घटना घटी, उस दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि थी। तब से ही होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर किया जाता है।
इस बार होलिका दहन 17 मार्च 2022 की रात को किया जाएगा। ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो होलिका दहन के दौरान कुछ गलतियां कभी नहीं करनी चाहिए, वरना बाद में उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। आप भी जानें इन गलतियों के बारे में।
होलिका दहन के दौरान न करें ये गलतियां
1. होलिका की अग्नि को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए किसी भी नवविवाहिता को ये अग्नि नहीं देखनी चाहिए। इसे अशुभ माना गया है। इससे उनके नए वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
2. होलिका दहन के दिन किसी भी व्यक्ति को धन उधार न दें। ऐसा करने से घर में बरकत पर असर पड़ता है और पूरे साल आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं। इस दिन उधार लेने से भी परहेज करें।
3. अगर आप अपने माता पिता की इकलौती संतान हैं, तो आपको होलिका दहन की अग्नि को प्रज्जवलित करने से बचना चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता है। एक भाई और एक बहन होने पर भाई द्वारा होलिका दहन की अग्नि को प्रज्जवलित किया जा सकता है।
4. होलिका दहन में के लिए पीपल, बरगद या आम की लकड़ियों का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए। ये पेड़ दैवीय माने गए हैं, साथ ही इस मौसम में इनमें नई कोपलें आती हैं, ऐसे में इन्हें जलाने से नकारात्मकता फैलती है। इसकी जगह पर आप गूलर या अरंड के पेड़ की लकड़ी या उपलों का इस्तेमाल कर सकते है।
5. होलिका दहन के दिन अपनी माता का आशीर्वाद जरूर प्राप्त करें। उन्हें कोई उपहार लाकर दें, इससे श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और आप पर उनकी कृपा बनी रहती है। किसी भी महिला का अपमान न करें।