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उत्तराखंड राज्य को बने 21 साल पूरे हो चुके हैं और राज्य को अभी तक 10 मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। उत्तराखंड नौ नवंबर साल 2000 में अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। तब से अब तक राज्य को नौ मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। इनमें भी पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी दो बार राज्य के मुखिया रह चुके हैं।
उत्तराखंड के सबसे पहले मुख्यमंत्री नित्यानन्द स्वामी रहे। इनका कार्यकाल 9 नवम्बर 2000 से 29 अक्टूबर 2001 तक रहा।
इसके बाद भाजपा से भगत सिंह कोश्यारी राज्य के मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल 30 अक्टूबर 2001 से 01 मार्च 2002 तक रहा।
राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस से स्व. नारायण दत्त तिवारी ने शपथ ली थी। इनका कार्यकाल 02 मार्च 2002 से 07 मार्च 2007 तक रहा।
भाजपा से भुवन चंद्र खंडूड़ी ने राज्य के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह 07 मार्च 2007 से 26 जून 2009 तक मुख्यमंत्री बने रहे। खंडूड़ी दो बार मुख्यमंत्री बने।
पांचवें मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा से रमेश पोखरियाल निशंक ने शपथ ली और 27 जून 2009 से 11 सितंबर 2011 तक मुख्यमंत्री रहे।
अपने दूसरे कार्यकाल में छठवें मुख्यमंत्री के रूप में भुवन चंद्र खंडूड़ी 11 सितंबर 2011 से 13 मार्च 2012 तक मुख्यमंत्री रहे।
इसके बाद कांग्रेस पार्टी से विजय बहुणुणा मुख्यमंत्री बने और 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014 तक मुख्यमंत्री रहे।
कांग्रेस पार्टी से हरीश रावत अगले मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल 01 फरवरी 2014 से 17 मार्च 2017 तक रहा।
हरीश रावत के बाद भाजपा से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह 18 मार्च 2017 से 10 मार्च 2021 तक मुख्यमंत्री रहे।
भाजपा पार्टी से ही तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया। जिनका कार्यकाल केवल पांच माह का रहा। वह 10 मार्च 2021 से 04 जुलाई 2021 तक मुख्यमंत्री रहे।
इसके बाद भाजपा से ही पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया और उनके ही नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा गया। 04 जुलाई 2021 से धामी मुख्यमंत्री पद पर आसीन थे। इन विधानसभा चुनावों में वह खटीमा सीट से मैदान में थे, लेकिन यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने 11 मार्च को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।