नहरों की सफाई का पहली बार यूपी में चला विशेष अभियान
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राज्य के ग्रामीण इलाकों में वर्षाकाल के दौरान जलभराव की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है। उसने नहरों (ड्रेन्स) की सफाई का प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाया है। इसके लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था किए जाने के साथ पहले से कहीं अधिक दूरी तक नहरों की सफाई का लक्ष्य रखा गया है। इसको पूरा करने की जिम्मेदारी सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को सौंपी गई है। नहरों की सफाई से जलभराव के कारण होने वाली फसलों की क्षति रुकी है और अधिक उत्पादन से किसानों की आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रदेश में लगभग 59212 किमी. लम्बाई की 10675 नहरें हैं जिनकी सफाई की जिम्मेदारी सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की है। बता दें कि अभी तक कम धनराशि उपलब्ध होने के कारण प्रतिवर्ष मात्र लगभग 1500 से 1600 किमी. नहरों की सफाई हो पाती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने समस्या आने पर उन्होंने वर्ष 2020-21 में नहरों की सफाई के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था की। जिसके बाद वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 23043 किमी. लम्बाई की ड्रेनों की सफाई का लक्ष्य रखा गया हैं। विभाग ने आज तक 15100 किमी. से अधिक दूरी तक ड्रेनों की सफाई करा ली है। इसकी लागत 185.00 करोड़ रुपये से अधिक आई है। जिन नहरों की सफाई का काम बचा है उसे वर्षाकाल के बाद पूरा करने का काम तेजी से किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के साथ खेती और खलिहानी पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके तहत उसने लॉकडाउन के दौरान भी किसानों को राहत देने के कई कार्य किये। ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई और खेतों तक पानी पहुंचाने वाली नहरों की सफाई भी उसमें से एक है। ड्रेन्स की सफाई होने से पिछले साल ग्रामीण क्षेत्रों में जल भराव की समस्या नहीं हुई थी। इसको देखते हुए सरकार इस प्रक्रिया आने वाले वर्षों में भी अपनाने जा रही है। सभी नहरों को वर्षाकाल से पहले सफाई हो जाने से कृषि क्षेत्रों में जल भराव के कारण फसलों को क्षति की समस्या नहीं होगी और अधिक उत्पादन से कृषकों की आय में भी वृद्धि हो सकेगी।