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जानिए क्या होता है ओसीडी, माँ बनने वाली हर 5वीं महिला होती है इसका शिकार

नई दिल्ली: मां बनने का अहसास खूबसूरत होता है। मगर इसके साथ ही नई जिम्मेदारी भी शुरू होती है। इसकी चिंता कभी-कभी इतनी बढ़ जाती है कि कुछ माओं को ओसीडी घेर लेता है। इसे मनोग्रसित बाध्यता विकार कहा जाता है। एक हालिया अध्ययन की मानें तो मां बनने वाली प्रत्येक पांचवीं महिला इस विकार से ग्रस्त होती है।

दरअसल नई मां बनने वाली महिलाएं बच्चे को किसी तरह के नुकसान की चिंता में इसकी शिकार हो सकती हैं। एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया है। शोधकर्ताओं ने सौ महिलाओं पर अध्ययन के आधार पर पाया कि जन्म देने के बाद 38 सप्ताह में 17 प्रतिशत महिलाओं में ओसीडी देखा गया।

नई माओं में ओसीडी के लक्षणों में बच्चों को किसी तरह के नुकसान की आशंका शामिल होती है। उनमें डर वाले विचार अत्यधिक घेर लेते हैं। उन्हें डर होता है कि बच्चे को संक्रमण न हो। परिणामस्वरूप वह बार-बार बच्चों की बोतल और कपड़े धोती हैं। अध्ययन में पाया गया है कि नई माओं में से करीब आठ प्रतिशत महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कभी न कभी ओसीडी के लक्षण देखे गए। इसके अलावा पोस्टपार्टम भी मूड स्विंग, चिंता, अनिंद्रा आदि से जुड़ा होता है। इसे ‘बेबी ब्लूज’ के रूप में जाना जाता है।

शोधकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इनके अलावा महिलाओं में बच्चे के जन्म से पहले और गर्भावस्था के दौरान ओसीडी एक अन्य विकार है, लेकिन इसके बारे में कम जानकारी है।

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