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हाथरस कांड की आड़ में योगी सरकार की छवि को खराब करने की साजिश, 13 के खिलाफ केस दर्ज

लखनऊ। यूपी में हाथरस कांड की आड़ में दंगों की साजिश को साजिश को पुलिस ने बेनकाब किया था। अब पुलिस का कहना है कि इस कांड की आड़ में राज्य सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही थी। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमारका कहना है कि कुछ संगठनों द्वारा हाथरस कांड के सहारे प्रदेश का माहौल और सरकार की छवि बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है। मामले में अलग-अलग थानों में मुकदमे लिखे गए हैं और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ 13 केस दर्ज किए गए हैं।

हाथरस में दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर कुछ अराजक तत्व प्रदेश में अमन-चैन बिगाड़ने और जातीय द्वेष फैलाने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार को भड़काने, गलत बयान देने के लिए दबाव बनाने और उन्हें 50 लाख रुपये का प्रलोभन देने की कोशिश करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि हाथरस में प्रशासन की तरफ से विभिन्न राजनैतिक दलों के पांच-पांच लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कई दलों ने नियमों को तोड़ते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कुछ अराजक तत्व सुनियोजित तरीके से अमन-चैन बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की विवेचना की जा रही है। वहीं, विवादित पोस्टर लगाने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

एडीजी ने बताया कि इस संबंध में हाथरस के चंदपा थाने में आईपीसी व आईटी एक्ट की 20 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा, अलग-अलग मामलों में हाथरस के चंदपा, सासनी व हाथरस गेट थाने में भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उनका दावा है कि कुछ संगठनों एवं व्यक्तियों द्वारा प्रदेश में जातीय एवं सांप्रदायिक हिंसा फैलाने और सरकार की छवि खराब करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्मो पर पीड़ित परिवार को भड़काया गया। साथ ही भ्रामक व द्वेषपूर्ण सूचनाओं को प्रसारित करते हुए उन्माद फैलाने का प्रयास भी किया जा रहा है।

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