हाथरस की घटना से गुस्से में सीएम योगी, कहा- दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती से दुष्कर्म और उसके अस्पताल में दम तोड़ देने की घटना से सीएम योगी आहत हैं। सीएम योगी ने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन कर दिया है। सीएम योगी ने फेसबुक पर लिखा कि हाथरस में बालिका के साथ घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दोषी कतई नहीं बचेंगे। प्रकरण की जांच हेतु विशेष जांच दल का गठन किया गया है। यह दल आगामी सात दिवस में अपनी रिपोर्ट देगा। त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
बता दें कि 14 सितंबर को ऊंची जाति के चार लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। जिसके बाद मंगलवार को सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। उसका शव आधी रात के आसपास बुलगढ़ी गांव में पहुंचा और अंतिम संस्कार तड़के 3 बजे किया गया। पीड़िता के भाई ने मीडिया को बताया, पुलिस ने जबरन शव को ले लिया और मेरे पिता को दाह संस्कार के लिए साथ ले गए। जब मेरे पिता हाथरस पहुंचे, तो उन्हें पुलिस द्वारा तुरंत (श्मशान) ले जाया गया। पीड़िता का शव गांव पहुंचते ही तनाव का माहौल हो गया और लोगों ने एम्बुलेंस को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत वीर ने रात में दाह संस्कार करने में पुलिस द्वारा कोई भी जल्दबाजी दिखाने की बात से इनकार किया। सूर्यास्त के बाद आम तौर पर दाह संस्कार नहीं किया जाता है।
उन्होंने कहा कि पार्थिव शरीर के बूलगढ़ी गांव में पहुंचने के बाद परिवार द्वारा अंतिम संस्कार किया गया। एसपी ने दावा किया कि गांव में शांतिपूर्ण माहौल है लेकिन भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कथित तौर पर हाथरस के गांव में चार पुरुषों द्वारा युवती का दुष्कर्म किया गया था, जिन्हें बाद में हिरासत में ले लिया गया। शुरुआत में पीड़िता को अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले जाया गया था, लेकिन सोमवार की रात उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया। गंभीर हालत होने के कारण वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी, जहां उसने दम तोड़ दिया।