उत्तर प्रदेश में जघन्य अपराधों का ग्राफ 2020 में गिरा, पढ़िए रिपोर्ट
क्राइम इन इण्डिया-2018 के अनुसार भारत में कुल 31 लाख 32 हजार 954 IPC के अपराध पंजीकृत हुए, जिनमें से 3 लाख 42 हजार 355 IPC के अपराध उत्तर प्रदेश में घटित हुए। यह देश में ऐसे पंजीकृत अपराधों का 10.92% है, जबकि जनसंख्या के आधार पर उ.प्र. की आबादी 16.85% है।इससे स्पष्ट होता है कि देश के अन्य राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रित स्थिति में है।
इसी प्रकार शीलभंग में 11.8 प्रतिशत क्राइम रेट के साथ 14वां तथा पॉक्सो अधिनियम के मामलों में 6.1% क्राइम रेट के साथ 23वां स्थान था। महिला सम्बन्धी अपराध में राज्य का स्थान 15वां था। इस प्रकार भा.द.वि. के तहत विभिन्न अपराध में उत्तर प्रदेश 24वें स्थान पर था।
एन.सी.आर.बी. के अध्याविधिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 में देश के कुल 37 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में घटित विभिन्न अपराधों के तहत डकैती के मामलों में 0.1 प्रतिशत क्राइम रेट के साथ उत्तर प्रदेश का 31वां स्थान, लूट में 1.4 प्रतिशत क्राइम रेट के साथ 20वां स्थान।
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साइबर अपराधों में 445 दोष सिद्ध के साथ प्रथम स्थान पर, 34,105 शस्त्रों के जब्तीकरण के साथ प्रथम स्थान पर तथा जाली मुद्रा जब्तीकरण में 237 अपराध पंजीयन के साथ इसमें भी राज्य प्रथम स्थान पर है।
अपराधियों के खिलाफ की गई कार्यवाही में उ.प्र. देश के अन्य राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के सापेक्ष अग्रणी स्थान पर है। NCRB के वर्ष 2018 के अध्याविधिक आंकड़ों के मुताबिक, महिला सम्बन्धी अपराधों में दोष सिद्ध 21,146 पर कार्यवाही के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
भारतीय दण्ड विधान के अपराधों में 4,14,112 गिरफ्तारियों के साथ उ.प्र. द्वितीय स्थान पर, गिरफ्तार अभियुक्तों में से 1,44,274 की दोष सिद्धि के साथ द्वितीय स्थान पर, भारतीय दण्ड विधान व एस.एल.एल. के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों में से 4,02,801 की दोष सिद्धि के साथ द्वितीय स्थान पर और एस.एल.एल. के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों में से 2,58,527 की दोष सिद्धि के साथ तृतीय स्थान पर है। रू 94.1 करोड़ की सम्पत्ति की बरामदगी के साथ राज्य का स्थान 6वां है।
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