पिछले तीन महीने से मुफ्त गैस सिलेंडर दिया गया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे हैं।
इस बैठक में वो कोरोना वायरस संकट के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान उनकी तरफ खाद्यान्न वितरण एवं अन्य सहायता पहुंचाने संबंधी प्रयासों के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
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पीएम ने कहा कुछ कहा अपडेट नीचे पढ़ें –
हजारों लोगों ने काशी के गौरव को बढ़ाया है। सैकड़ों संस्थाओं ने अपने आप को खपा दिया है। सबसे मैं बात नहीं कर पाया हूं, लेकिन मैं हर किसी के काम को आज नमन करता हूं। सेवाभाव से जुड़े हुए हर व्यक्ति को मैं प्रणाम करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब आपसे केवल जानकारी नहीं ले रहा हूं, बल्कि आप सबसे प्रेरणा ले रहा हूं। अधिक काम करने के लिए, आप जैसे लोगों ने इस संकट में काम किया, इनके आशीर्वाद ले रहा हूं।
कोरोना के इस संकट काल ने दुनिया के सोचने-समझने, काम-काज करने, खाने-पीने सबके तौर-तरीके पूरी तरह से बदल दिए हैं। जिस प्रकार से आपने सब ने सेवा की, इस सेवा का समाज जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।
कबीरदास जी ने कहा है- ‘सेवक फल मांगे नहीं, सेब करे दिन रात’ अर्थात – सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता, दिन रात निःस्वार्थ भाव से सेवा करता है। दूसरों की निस्वार्थ सेवा के हमारे यही संस्कार हैं, जो इस मुश्किल समय में काम आ रहें हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।
इसी भावना के साथ केंद्र सरकार ने भी निरंतर प्रयास किया है कि कोरोना के इस समय में सामान्य जन की पीड़ा को साझा किया जाए, उसको कम किया जाए। गरीब को राशन मिले, उसके पास कुछ रुपए रहें, उसके पास रोजगार हो और वो अपने काम के लिए ऋण ले सके, आईएम सभी बातों पर ध्यान दिया है।
लॉकडाउन के कारण गरीब को खाना पकाने के लिए ईंधन की दिक्कत ना हो, इसके लिए उज्जवला योजना के लाभार्थियों को पिछले तीन महीने से मुफ्त गैस सिलेंडर दिया जा रहा है।
जन-धन खाते में हजारों करोड़ रुपये जमा कराना हो या फिर गरीबों, श्रमिकों के रोजगार की चिंता, छोटे उद्योगों को, रेहड़ी-ठेला लगाने वालों को, आसान ऋण उपलब्ध कराना हो या खेती, पशुपालन, मछलीपालन और दूसरे कामों के लिए ऐतिहासिक फैसले, सरकार ने लगातार काम किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।
इस समय काशी में ही लगभग 8 हजार करोड़ रुपये के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से चल रहा है। जब स्थितियां सामान्य होंगी तो काशी में पुरानी रौनक भी उतनी ही तेजी से लौटेगी। इसके लिए हमें अभी से तैयारी करनी होगी।
सरकार के हाल के फैसलों के बाद यहां की साड़ियां, यहां के दूसरे हस्तशिल्प के लिए, यहां के डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमखी पालन के व्यवसाय के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।
मैं किसानों से, युवा साथियों से भी ये आग्रह करूंगा कि इस प्रकार के व्यवसाय में बढ़-चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित करें। हम सभी के प्रयासों से हमारी काशी भारत के एक बड़े एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित हो सकती है और हमें करना चाहिए।
एक बात हमें बार-बार करनी है, हर किसी से करनी है, खुद से भी करनी है- हम सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति चाहते हैं। रास्तों पर थूंकने की हमें आदत बदलनी पड़ेगी। दो गज की दूरी, गमछा या फेस मास्क और हाथ धोने की आदत को हमें संस्कार बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।
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