लॉकडाउन में सब्जी किसान हो गए लाचार, 01 से 02 रुपए किलो बिक रहा माल
लॉकडाउन में सब्जी किसान लाचारी का जीवन जी रहे हैं। लक्सर की नीलधारा गंगा के किसान ने बताया क़ि देश में फैली महामारी की वजह से उनके धंधे पर काफी प्रभाव बढ़ा है। फल व सब्जियों के दाम बाजार में नहीं मिल पा रहे हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं क़ि लागत तो बहुत दूर की बात है, रोजमर्रा का खर्च भी उठाने में काफी परेशानी हो रही है।
किसानों के अनुसार कद्दू ₹2 किलो, लॉंकी दो रुपए किलो, तोरी ₹12 किलो, तरबूज ₹4 किलो, खीरा ₹5 किलो के दाम में भी बेचना मुश्किल हो रहा है। कई बार खरीदने वाले ग्राहक नहीं मिलते जिस दिन के खराब हो जाने के कारण इन्हें बाजार में ऐसे ही छोड़कर आना पड़ता है। किसानों ने बताया क़ि खेती करने क़ि लिए जो पैसा बाजार से उठाया था, वह भी उतारना मुश्किल हो जाएगा।
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जबकि बिचौलिए इन मेहनतकश किसानों से सब्जियों व फलों को सस्ते दामों में खरीदकर आम जनता को दो से ढाई गुना दामों पर बेच रहे हैं। मेहनतकश किसानो क़ि जेबें भले ही खाली हो, लेकिन बाजार में बैठे इन बाजारी दलालों की जेब नोटों से भर रही हैं।