कोरोना वायरस को मौत के घाट उतारने के काबिल है वैज्ञानिकों की ये नई खोज
वैज्ञानिकों ने एक ऐसी एंटीबॉडी खोज निकाली है जो कोरोना को निष्क्रिय कर देती है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम 47D11 रखा है। चूहों पर यह एंटीबॉडी सफल रही है।
वैज्ञानिक उम्मीद जता रहे हैं कि इंसानों पर भी यह कारगर साबित होगी। यूरोप के वैज्ञानिकों ने चूहों में पाए जाने वाली 51 सेल लाइंस कोशिकाओं में इस एंटीबॉडी को खोजा है।
इसके बाद इसे इंसानों के लायक बनाने के लिए जेनेटिकली इंजीनियर किया है। इसके बाद इस एंटीबॉडी का परीक्षण उन्होंने 2003 में फैले सार्स कोरोना वायरस पर किया। 2003 के सार्स कोरोना वायरस को इस एंटीबॉडी ने निष्क्रिय कर दिया।
अब वैज्ञानिकों का दावा है कि कोविड-19 भी सार्स कोरोना वायरस के परिवार का वायरस है। इसलिए यह एंटीबॉडी उसे भी कमजोर कर खत्म करने में सफल होगी।
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वैज्ञानिकों की इस टीम को लीड कर रहे हैं यूट्रेच यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बेरेंड-जेन बॉश ने बताया कि ऐसे एंटीबॉडी की वजह से अगर इंसानी शरीर में कोरोना वायरस फैलने से रुकता नहीं भी है। तो भी अच्छी बात ये है कि इस एंटीबॉडी से कोरोना वायरस को इंसानी शरीर में फैलने में काफी ज्यादा समय लग जाएगा।
यानी कोविड-19 वायरस शरीर में ही कमजोर हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में चूहे के अंदर कोरोना वायरस से संक्रमित कराया। वैज्ञानिकों ने देखा कि वायरस ने जैसे ही चूहे के शरीर में प्रवेश किया।
चूहे के शरीर के अंदर 51 तरह के एंटीबॉडी निकलनी शुरू हो गई। इसी में मौजूद थी 47D11 एंटीबॉडी। जो कोरोना वायरस की बाहरी परत को नष्ट कर दे रही थी। बस यहीं पर वैज्ञानिकों ने इस एंटीबॉडी की पहचान कर ली।