WHO ने कोरोना वायरस को लेकर दी एक बुरी खबर
भारत में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान देश में कोरोना के मरीज 18 गुना बढ़े। देश में कोरोना के कुल 10363 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं इस वायरस से अबतक मरने वालों की संख्या 339 हो गई है। इस बीच कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नई जानकारी शेयर की है।
बेकिले कैलमेट-गुएरिन (बीसीजी) वैक्सीन
डब्ल्यूएचओ ने कहा इस बात के कोई सबूत नहीं है कि मुख्य रूप से ट्यूबरक्लोसिस के खिलाफ उपयोग में लाए जाने वाली बेकिले कैलमेट-गुएरिन (बीसीजी) वैक्सीन लोगों को नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचा सकती है।
बीसीजी वैक्सीन (टीकाकरण) की सिफारिश नहीं
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने डेली सिचुएशन की रिपोर्ट के हवाले से कहा, “डब्ल्यूएचओ सबूतों के अभाव के चलते कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए बीसीजी वैक्सीन (टीकाकरण) की सिफारिश नहीं करता है।”
बीसीजी वैक्सीन का इम्यून सिस्टम पर गैर-विशिष्ट प्रभाव
डब्ल्यूएचओ ने कहा, “पशु और मानव दोनों पर किए गए शोध के एक्सपेरिमेंटल एविडेंस हैं कि बीसीजी वैक्सीन का इम्यून सिस्टम पर गैर-विशिष्ट प्रभाव पड़ता है। इन प्रभावों की अच्छी तरह से विशेषता नहीं है और क्लीनिकल रिलिवेंस की भी जानकारी नहीं है।”
चल रहे दो क्लीनिकल ट्रायल
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगे कहा, “प्रश्न को संबोधित करने वाले दो क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं, और इनके उपलब्ध होने पर डब्ल्यूएचओ साक्ष्य का मूल्यांकन करेगा।”
ट्यूबरक्लोसिस के चलते मौत के मामलों में वृद्धि
डब्ल्यूएचओ ने आगे चेताते हुए कहा, “बीसीजी वैक्सीन बच्चों में ट्यूबरक्लोसिस के गंभीर परिणामों को रोकने में मददगार होती है लेकिन स्थानीय आपूर्ति होने पर इससे बीमारी बढ़ने और ट्यूबरक्लोसिस के चलते मौत के मामलों में वृद्धि देखने को मिल सकती है।”
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