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वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामियाबी, कोरोना की कमजोर कड़ी का लगा पता

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है। यह वायरस अब तक दुनियाभर के 90 हजार से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला चुका है। वहीं इससे संक्रमित हुए लोगों की संख्या 16 लाख पहुँच गई है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस वायरस की वैक्सीन की खोज में लगे हैं।

आखिर क्या है कोरोना की कमजोर कड़ी

इस बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। वैज्ञानिक शोध में कोरोना की कमजोर कड़ी का पता लगा लिया गया है। दरअसल, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने उस टारगेट को खोज लिया है, जहां कोरोना वायरस की एंटीवायरस वैक्सीन असर करेगी।

इस तरह पैदा करता नए वायरस

अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है। शोध में वैज्ञानिकों का फोकस कोरोना वायरस की बाहरी कटीली परत पर था क्योंकि वायरस यहीं लोगों की शरीर की कोशिकाओं में जाकर चिपक जाता है और फिर नए वायरस पैदा करने लगता है।

कोरोना
फोटो-गूगल

चरणबद्ध प्रक्रिया से कोशिकाओं से चिपकता वायरस 

वायरस का आपके शरीर में मौजूद कोशिकाओं से चिपकना एक बड़ी लंबी चरणबद्ध प्रक्रिया है। इसमें वायरस सबसे पहले यह देखता है कि उसने सही कोशिका का चुनाव किया है कि नहीं। इसके लिए वायरस को कोशिका के आसपास मौजूद रसायन बताते हैं कि यह कोशिका सही टारगेट है या नहीं।

कोरोना वायरस की बाहरी परत का अध्ययन

कोशिका सही टारगेट है या नहीं, यही बात सबसे पहले कोरोना वायरस की बाहरी परत को पता चलता है। यही कंटीली परत फिर टारगेट कोशिका की सतह से जाकर चिपक जाती है। इसके बाद कंटीली परत जिसे फ्यूजन पेप्टाइड कहते हैं, वह कोशिका को तोड़ना शुरू करती है, इसके लिए वह सबसे पहले आपके शरीर की टारगेट कोशिका की बाहरी परत में छेद करना शुरू करती है।

इस तरह शरीर में होती वायरस की उत्पत्ति

इसके बाद इसी कोशिका में अपना जीनोम सिक्वेंस भेजकर नए वायरस की उत्पत्ति शुरू कर देती है। गैरी व्हिटकर की टीम ने पता किया है कि कैल्शियम आयन वायरस के कंटीली परत के साथ संपर्क बनाने में मदद करते हैं।

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फोटो-गूगल

कोरोना वायरस कोविड-19 के कंटीले परत पर अध्ययन

साथ ही यही कैल्शियम आयन कंटीली परत की संरचना को भी बदलते हैं। यह बात मर्स और सार्स के संक्रमण में देखने को मिली थी। अब गैरी व्हिटकर की टीम कोरोना वायरस कोविड-19 के कंटीले परत पर यही अध्ययन कर रही है।

वैक्सीन के असर से मर जाएगा वायरस 

टीम को उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना वायरस के बाहरी कंटीले परत की रासायनिक प्रक्रिया को लेकर सकारात्मक खुलासा होगा। अगर वैज्ञानिक इस रासायनिक प्रक्रिया को रोक दें तो वायरस कोशिकाओं से संपर्क नहीं कर पाएगा और कुछ दिन में वैक्सीन के असर से मर जाएगा।

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