पहली बार कोरोना की आवाज को वैज्ञानिकों ने किया रिकॉर्ड, आप भी सुनिए
वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के ढ़ाचें से निकलने वाली आवाज को रिकॉर्ड कर संगीत में बदल दिया है। यह कारनामा वैज्ञानिकों मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के वैज्ञानिक किया है।
यहां के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के बाहरी हिस्से के कटीले प्रोटीन से संगीत तैयार किया है। MIT के वैज्ञानिक मार्कस जे ब्यूहलर ने बताया कि आपको जो संगीत सुनाई देगी उसमें आपको घंटियों, स्ट्रिंग्स और बांसुरी की आवाज सुनाई देगी। ये सभी कोरोना के कंटीले प्रोटीन के अलग-अलग रूपों को बयान करते हैं।
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वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना वायरस का बाहरी कंटीला प्रोटीन लेयर जो आपकी कोशिकाओं को छेदता है। वह अमीनो एसिड से बना होता है। लेकिन जब वास्तविकता में अमिनो एसिड का ढांचा देखते हैं वह एक हेलिक्स जैसा दिखता है।
जब इनमें कंपन होता है तो इनमें से भी आवाज निकलती है। इसलिए MIT के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के बाहरी कंटीले प्रोटीन से मिले अमीनो एसिड्स के हेलिकल ढांचे को अलग-अलग नोट पर रखा। जिससे ये संगीत निकल कर सामने आया।
MIT के वैज्ञानिकों का कहना है कि संगीत के ऊपरी और निचले नोट से पता चलता है कि अमीनो एसिड का ढांचा कहां से मजबूत और कमजोर है। इससे यह जानकारी मिलती है कि उसी कौन से नोट से पर वायरस कोशिकाओं को पकड़ता है।