साल 2005 में आज ही के दिन पाकिस्तान के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर का पहला शतक ठोका था। 23 दिसंबर 2004 को लंबे बालों वाले महेंद्र सिंह धोनी ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय डेब्यू दिया था, लेकिन 4 महीने के बाद साल 2005 में पहली बार उनके बल्ले से पहला शतक निकला था। महेंद्र सिंह धोनी ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक आज ही के दिन यानी 5 अप्रैल साल 2005 में जड़ा था।
पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में पाक गेंदबाजों के परखच्चे उड़ाने वाले धोनी ने 19 चौके और छक्के जड़े थे। विशाखापट्टनम के डॉक्टर वाइ एस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 5 अप्रैल 2005 को 6 मैचों की वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले में शतक जड़ा था।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला कप्तान सौरव गांगुली ने किया था, लेकिन सचिन तेंदुलकर चौथे ही ओवर में आउट हो गए थे। तब नंबर तीन पर एमएस धोनी को भेजा गया था। 4 मैच नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए खेलने वाले एमएस धोनी ने पहली बार नंबर 3 पर बल्लेबाजी की और फिर शतकीय पारी खेली। एमएस धौनी ने 15 चौके और 4 छक्के लगाकर 123 गेंदों में 148 रन बनाए । अपना पहला शतक धोनी ने 88 गेंदों में पूरा किया था ।
वीरेंद्र सहवाग और एमएस धोनी ने दूसरे विकेट के लिए खेलते हुए 96 रनों की धुआंधार पारी खेली। सहवाग 40 गेंदों में 74 रन बनाकर आउट हुए, जबकि राहुल द्रविड़ ने 52 रन बनाए। पाकिस्तान की टीम 298 रन पर ढेर हो गई ,जब की भारत ने निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 356 रन बनाए और मैच भारतीय टीम ने 58 रन से जीत लिया। ये वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में एमएस धोनी पहला शतक था और इसके बाद से उन्होंने 350 मैच खेले और कुल 10 शतकीय पारियां खेलीं।