कोरोना वायरस से जेलों में जंग जारी, कैदी अपना रहे ये तरीके
कोरोना वायरस से देश मे लॉक डाउन है। लॉक डाउन के अनुपालन में आम जनमानस भले ही जाने अनजाने लापरवाही बरत रहे हो किंतु जेल में बंद कैदी इनका पूरी तरह से अनुपालन कर रहे है। आपराधिक मामलों में जेल में सजा काट रहे कैदी दिन में पांच से छह बार बार हाथ धोने के साथ सोशल डिस्टेंडिंग का भी पूरा ध्यान रखकर यह साबित कर रहे है कि वह जनता से कही अधिक जागरूक है। जेल प्रशासन भी कैदियों को इस महामारी से बचाने के लिए पूरा एहतियात बरत रहे है। हाल ही में जेल के सलाखों से बाहर आये कैदियों से बातचीत में यह बात सामने आई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेल से रिहा हुए कैदियों के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर जेलों में बहुत सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए जेल की प्रत्येक बैरक के मुख्य प्रवेश द्वार पर पानी की टंकी रखी गयी है। बन्दी को बैरक से बाहर निकलने और वापस आने के बाद बैरक में प्रवेश करने से पहले साबुन से हाथ धोना पड़ता है। बंदियों के मुताबिक उन्हें दिन में जेल अस्पताल आने-जाने दो बार भोजन लेने के लोए बैरक से बाहर निकलना ही पड़ता है। इस आवागमन की वजह से उन्हें पांच- छह बार हाथ धोना ही पड़ता है।
बैरक में बगैर हाथ पैर धोये घुसने का प्रयार करने वाले बंदी को बैरक के बंदी ही बाहर भाग देते है। बैरक से बाहर निकलने पर सुरक्षाकर्मी बंदियों पर एक दूसरे से दूरी (सोशल डिस्टेंडिंग) बनाये रखने पर नज़र रखते है। इस प्रक्रिया से बचने के लिए तो कई बंदी पूरा दिन बैरक में ही बिता देते है। बताया गया है कि बंदियों के साथ साथ जेल प्रशासन के अधिकारी भी महामारी को लेकर सतर्क है। दिन में एक बार बैरक को नियमित रूप से सेनेटाइज भी कराया जाता है।
इन दिनों जेल में आने वाले प्रत्येक नए बंदी को पहले 14 दिन अलग अलग आईसोलेशन में रखा जा रहा है। 14 दिन बाद में भी इन बंदियों को पहले के बंदियों के साथ रखने के बजाय अलग बैरक में रखा जाता है। रिहा बंदियों के मुताबिक जेल में प्रतिदिन सुबह और शाम को कंट्रोल रूम के लाउडस्पीकर के माध्यम से बार बार हाथ धोने और एक दूसरे से दूरी बनाए रखने की हिदायते भी दी जाती रहती है।
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