दर्दनाक : लॉकडाउन में पुलिस वाला निभाता रहा फ़र्ज, बेटी की अस्पताल में मौत
देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में पुलिस कर्मी और डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी में लगे हुए हैं। पुलिस कर्मी लॉक डाउन में इस बात का ख़ास ध्यान रख रहे हैं कि कोई गरीब इस समय भूखा न रहे। साथ ही पुलिस वाले घर घर जाकर गरीबों को राशन भी उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे में एक खबर दमोह से आई है जिसको सुनकर किसी के भी आंसू निकल आएं।
दरअसल यहां एक पुलिस कर्मी की बेटी की अस्पताल मर मौत हो गई लेकिन वो लॉक डाउन में अपनी ड्यूटी निभाता रहा। पुलिस लाइन निवासी आरक्षक श्रीराम जारोलिया की 14 वर्षीय बेटी राधिका को रविवार सुबह आरक्षक की पत्नी शीला और बेटा हिमांशु जिला अस्पताल लेकर आये, यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आरक्षक ने बताया कि उसकी बेटी को 15-20 दिन पहले सर्दी जुकाम था, जिसका इलाज कराकर दवा ली थी तो ठीक हो गई थी। उस समय भी मुझे छुट्टी नहीं मिली थी, एक बार फिर बेटी की तबियत बिगड़ी थी तो अधिकारियों से शहर में ड्यूटी लगाने के लिए बोला था, लेकिन न तो छुट्टी मिली, न ही ड्यूटी शहर में लगाई गई।
यदि शहर में ड्यूटी लगाई जाती तो मैं अपने परिवार का ख्याल रख पाता, लेकिन आज भी मेरी ड्यूटी गढ़ाकोटा सीमा पर लगाई गई थी। शुक्रवार सुबह बेटी की तबीयत फिर बिगड़ गई। लेकिन ड्यूटी से टाइम न मिलने के कारण उसका ठीक से इलाज भी नहीं करा पाया। इससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस कर्मी ने कहा कि इसके पहले मेरी तबीयत बिगड़ी थी, उस समय छुट्टी मांगी थी। बेटी की तबीयत बिगड़ने पर छुट्टी मांगी थी लेकिन अधिकारियों ने मेरी बात नहीं सुनी।